उत्तराखंड के पंचायती राज एक्ट में संशोधन को राजभवन की मंजूरी
सहकारी समितियों के सभापति उपसभापति और प्रबंध समिति सदस्यों को छोड़ सहकारी समितियों के सभी सदस्य अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सहकारी समितियों के सभापति, उपसभापति और प्रबंध समिति सदस्यों को छोड़ सहकारी समितियों के सभी सदस्य अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे। सरकार की ओर से इस संबंध में रखे गए पंचायतीराज एक्ट में संशोधन अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि जल्द अध्यादेश का नोटिफिकेशन होगा।
प्रदेश सरकार ने वर्ष 2016 के पंचायतीराज एक्ट में इसी वर्ष जून में संशोधन किया था। इसमें प्रावधान किया गया कि दो से अधिक बच्चों वाले लोग पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। साथ ही उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता का प्रावधान किया गया। इसके अलावा एक्ट में ये शर्त जोड़ दी गई कि सहकारी समितियों के सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
पंचायत चुनाव की तैयारियों के दौरान पता चला कि सहकारिता एक्ट में प्रावधान है कि सहकारी समितियों के सदस्य पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं। पंचायती राज एक्ट में ऐसा न होने के कारण इसे लेकर विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सहकारी समितियों से जुड़े सदस्यों ने भी इस पर अपनी आपत्ति सरकार के समक्ष रखी थी।
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कैबिनेट की 28 अगस्त को हुई बैठक में इस दुविधा को दूर करने के लिए पंचायतीराज एक्ट में अध्यादेश के जरिये आंशिक संशोधन को मंजूरी दी गई। इसमें साफ किया गया कि सहकारी समितियों के सभापति, उपसभापति और प्रबंध समिति के सदस्यों को छोड़कर सहकारी समितियों के सभी सदस्य पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे। हाल में यह अध्यादेश मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया था। सूत्रों ने बताया कि अध्यादेश को राजभवन ने मंजूरी दे दी है।
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