छह मैकेनाइज्ड इंफ्रेंटी बटालियन के पूर्व सैनिकों ने मनाया गदरा डे, युद्ध के किस्से किए याद
छह मैकेनाइच्ड इंफ्रेंटी बटालियन के पूर्व सैनिकों ने 1965 युद्ध से जुड़ा गदरा डे धूमधाम से मनाया। युद्ध के वक्त बटालियन को प्रथम गढ़वाल राइफल्स के नाम से जाना जाता था।
देहरादून, जेएनएन। छह मैकेनाइच्ड इंफ्रेंटी बटालियन के पूर्व सैनिकों ने 1965 युद्ध से जुड़ा गदरा डे धूमधाम से मनाया। युद्ध के वक्त बटालियन को प्रथम गढ़वाल राइफल्स के नाम से जाना जाता था। जिसका गठन पांच मई 1887 में कालू डांडा में किया था। जिसे अब लैंसडौन में गढ़वाल राइफल्स के रेजीमेंट सेंटर के रूप में जाना जाता है।
चकराता रोड पर बल्लूपुर चौक के समीप एक रेंस्टारेंट में यह आयोजन हुआ। जिसकी शुरुआत में वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। समारोह में युद्ध में शामिल रहे रिटायर ऑनरेरी कैप्टन केशर सिंह भी शामिल रहे। उन्होंने उस वक्त के युद्ध के अनुभव साझा किए। वहीं, जयवीर सिंह राणा ने बताया कि 1965 भारत पाक युद्ध में वीरता का परिचय दिया था। तत्कालीन कमान अधिकार केपी लहरी के साथ बटालियन ने पाक के गदरा शहर पर कब्जा कर लिया था। युद्ध में पाक सेना को हार का सामना करना पड़ा था। युद्ध में बटालियन के कई सैनिक शहीद हुए थे। शहीद देव सिंह भंडारी को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया था। बटालियन ने उस वक्त पाक के 120 सैनिकों को कैद किया था। समारोह में पूर्व सैनिकों ने इस दौरान युद्ध और सेना में नौकरी के अनुभव भी साझा किए। इस दौरान भाजयुमो महानगर महामंत्री राजेश रावत ने पूर्व सैनिकों के लिए नगर निगम के साथ ही छावनी परिषद क्षेत्र में भवन कर में छूट दिए जाने का मुद्दा उठाया। कार्यक्रम में जेपी कोठारी, उत्तम सिंह, पुष्कर सिंह कंडारी, जेपी कोठारी, सुजान सिंह शामिल रहे।
संजोई दिवस धूमधाम से मनाया
गोर्खा राईफल्स ने 1965 भारत पाक युद्ध का बैटल ऑनर डे (गोर्खा संजोई दिवस) धूमधाम से मनाया। इस दौरान गोर्खा समाज से जुड़े कलाकारों ने कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। गोर्खाली सुधार सभा में पूर्व सैनिक समिति (3/8 गोर्खा राइफल्स) ने यह आयोजन किया। समिति अध्यक्ष सूबेदार मेजर प्रीतम सिंह गुरुंग ने बताया कि समारोह की शुरुआत में युद्ध में शहीद अफसरों और जवानों की आत्मशांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। उन्होंने बताया कि 1965 में तीन-चार सितंबर की रात 3/8 गोर्खा राइफल्स को संजाई पोस्ट पर आक्रमण का आदेश मिला। पलटन ने बिना देरी किए आक्रमण की कार्रवाई शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि मध्यम रात्रि में हुए हमले में पलटन के जवान दुश्मन के बंकर ध्वस्त करने के साथ ही पाक जवानों मारते हुए रात डेढ़ बजे संजोई पोस्ट पर पहुंचे। इसे फतह करने में पलटन के दो अधिकारी, दो जूनियर अधिकारी और 22 जवान शहीद हुए थे। एक अधिकारी दो जूनियर अधिकारी और 65 जवान गंभीर घायल हुए थे। संजाई फतह के बाद पलटन को सरकार ने बैटल आफ ऑनर से सम्मानित किया था। पलटन को युद्ध में पराक्रम पर चार वीर चक्र, पांच सेना मेडल और तीन मेंशन इन डिस्पैच मेडल मिले थे। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए पूर्व कमान अधिकारी सेनि. कर्नल अुर्जन ने युद्ध के अनुभव साझा किए। गोर्खाली और सांस्कृतिक गीतों पर सैनिकों के परिवार भी झूम उठे। इस दौरान रिटायर कर्नल सुंदर सिंह थापा, रिटायर कर्नल वीआर विरधी, रिटायर सूबेदार मेजर प्रीतम सिंह गुरुंग, केबी लामा, देवास कुमार तामांग, भूपेंद्र गुरुंग, महेंद्र सिंह थापा, एमएस गुसाईं, आदि उपस्थित रहे।
यह भी पढ़ें: गढ़वाल राइफल्स के 244 जवानों ने खायी देश रक्षा की कसम, थल सेना में हुए शामिल
एक अक्टूबर को मनाया जाएगा स्थापना दिवस
सातवीं गढ़वाल राइफल्स के पूर्व सैनिक संगठन की कार्यकारिणी की बैठक तेलपुरा, शिमला बाईपास रोड स्थित एक वेडिग प्वाइंट में हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पूर्व वर्षो की भांति एक अक्टूबर को पलटन का स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। इस दौरान वीर नारियों को सम्मानित किया जाएगा। स्थापना दिवस की तैयारियों के लिए सभी पदाधिकारियों को अलग-अलग दायित्व बांटे गए हैं। इस दौरान संघ के अध्यक्ष सूबेदार मोहन सिंह चौहान, कोषाध्यक्ष विनोद सकलानी, कैप्टन दलबीर गुसाईं, सूबेदार योगंबर सिंह, ले. विजय भट्ट, गुलाब सिंह आदि उपस्थित रहे। सभा का संचालन सचिव मगन राणा ने किया।
यह भी पढ़ें: देश रक्षा का संकल्प लेकर सेना का अंग बने 184 जवान