वनवासियों के अधिकार बचाने के लिए सड़क पर उतरे विभिन्न संगठन
वनवासियों के हक को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पैरवी करने समेत अन्य मांगों को लेकर सोमवार को विभिन्न संगठनों ने धरना स्थल से सचिवालय कूच किया।
देहरादून, जेएनएन। वनवासियों के हक को सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से पैरवी करने समेत अन्य मांगों को लेकर सोमवार को विभिन्न संगठनों ने धरना स्थल से सचिवालय कूच किया। हालांकि, पुलिस के कनक चौक पर रोकने के बाद नगर मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा गया।
अखिल भारतीय वन जन श्रमजीवी यूनियन व अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले विभिन्न संगठनों ने परेड ग्राउंड धरना स्थल पर पहुंचकर अपनी मांगों के निराकरण के लिए नारेबाजी की। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मिलने की मांग को लेकर सचिवालय कूच को निकले, लेकिन धरना स्थल से कनक चौक पर ही पहुंचने पर पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर कूच को रोक दिया। इस दौरान वनवासी वक्ताओं ने वनवासी अधिनियम को लागू करने में सुस्ती बरतने पर केंद्र व प्रदेश सरकार को आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही राज्य सरकार से पुरजोर तरीके से सुप्रीम कोर्ट से अपील करने की मांग की। वक्ताओं ने कहा कि देश और प्रदेश में वनवासियों के अधिकार खतरे में हैं।
उनके निवास और आजीविका पर खतरा मंडरा रहा है। सचिवालय कूच में उत्तराखंड वन पंचायत संघर्ष मोर्चा, उत्तराखंड वन गुर्जर यूनियन, उत्तराखंड वन आश्रित एवं टौंगिया गोट, उत्तराखंड प्रजाहितकारिणी समिति के सदस्य भी शामिल रहे। इस दौरान प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, गंगाधर नौटियाल, बचीराम कौंसवाल, इंदु नौडियाल, लेखराज, राजेंद्र पुरोहित, अनंत आकाश समेत अन्य शामिल रहे हैं।
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