लापता दो युवतियां पहुंची थाने, बोली वह साथ ही बिताना चाहती है जिंदगी
लापता चल रही दो युवतियां अचानक थाने पहुंची और दोनों ने शपथ-पत्र देते हुए कहा कि वह साथ रहती हैं और आगे भी एक-दूसरे के साथ ही जिंदगी बिताना चाहती हैं।
देहरादून, जेएनएन। करीब एक साल से लापता चल रही दो युवतियां शनिवार दोपहर अचानक रायपुर थाने पहुंच गईं। दोनों ने पुलिस को बताया कि रायपुर और नेहरू कॉलोनी में उनकी गुमशुदगी दर्ज है। पुलिस तलाश कर ही रही है, घर वाले भी ढूंढ रहे हैं। दोनों ने पुलिस को चंडीगढ़ में बनवाया शपथ-पत्र देते हुए कहा कि वह साथ रहती हैं और आगे भी एक-दूसरे के साथ ही जिंदगी बिताना चाहती हैं। लिहाजा उनकी तलाश न की जाए, उन्हें अपनी मर्जी से जिंदगी जीने का अधिकार है। एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि दोनों बालिग हैं। उन्हें अपनी इच्छा से जीवन जीने का हक है। युवतियां अगर सुरक्षा की मांग करती हैं तो पुलिस उचित कदम उठाएगी, फिलहाल दोनों चली गई हैं।
शनिवार दोपहर युवतियां थाने पहुंचीं। जब उन्होंने पुलिस को पूरी बात बताई और पुलिस ने परिजनों से संपर्क किया तो देखते ही देखते दोनों युवतियों के सगे-संबंधी भी थाने पहुंच गए। उन्होंने जब युवतियों की बात सुनी तो हैरान रह गए। खबर इलाके में फैली तो दर्जनों की संख्या में लोग जुट गए। पुलिस के अनुसार नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र एक युवती दो अगस्त 2018 को अचानक घर वालों को बिना बताए कहीं चली गईं। परिजनों ने नेहरू कॉलोनी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई पुलिस भी तलाश में जुट गई। इसी बीच रायपुर थाना क्षेत्र में एक मुस्लिम युवती 11 अगस्त 2018 को घर से चली गई।
सीओ डालनवाला जया बलूनी ने बताया कि गुमशुदगी के समय यह बात सामने नहीं आई थी कि रायपुर और नेहरू कॉलोनी से लापता युवतियों के बीच कोई कनेक्शन है। महीनों चली जांच के बाद भी दोनों का पता नहीं चल पा रहा था। पुलिस ने युवतियों की तलाश के लिए विभिन्न राज्यों की पुलिस के वाट्सएप ग्रुप पर उनकी फोटो भी भेजी थी। इसके बावजूद दोनों का कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। शनिवार दोपहर साढ़े 12 बजे के करीब दोनों एक साथ रायपुर थाने पहुंची। यहां रायपुर इंस्पेक्टर चंद्रभान सिंह को चंडीगढ़ में बनवाया गया एक शपथ-पत्र दिया, जिसमें दोनों ने लिखा है कि वह बालिग हैं और एक-दूसरे के संग रहना चाहती हैं। दोनों की अलग-अलग थानों में गुमशुदगी दर्ज है। चंडीगढ़ में जब भी वह काम के लिए घर से बाहर निकलती हैं तो हर समय डर सताता है कि कहीं पुलिस उन्हें पकड़ न ले। साथ ही यह भी भय रहता है कि घर वालों को वह मिल गईं तो वह उन्हें अलग कर देंगे। जबकि दोनों साथ रहना चाहती हैं।
न करें पुलिस-परिजन हमारी तलाश
दोनों ने पुलिस के सामने कहा कि वह डर-डर के जी रही थीं कि कोई उन्हें पकड़ न ले। वह एक-दूसरे के साथ खुश हैं, लेकिन परिवार और पुलिस का डर उन्हें हर पल बेचैन किए रहता है। इसी के चलते दोनों थाने आई हैं, पुलिस उनकी गुमशुदगी की फाइल बंद कर दे। ताकि वह निश्चिंत होकर अपनी जिंदगी गुजार सकें।
परिजनों संग जाने को नहीं हुईं तैयार
दोनों युवतियों के परिजन उन्हें घर ले जाने के लिए परेशान दिखे। दोनों ने अपने घर वालों से अलग-अलग मुलाकात भी की, जब उनके घर वालों ने कहा कि वह घर चलें तो दोनों साफ मुकर गईं और कहा कि वह दोनों साथ ही रहेंगी।
पुलिस ने बस अड्डे छोड़ा
अपनी बात पर अड़ी युवतियों ने कहा कि उन्हें किसी से खतरा नहीं है, बस उन्हें आइएसबीटी तक छुड़वा दिया जाए। ताकि वह अपनी मंजिल को सुरक्षित जा सकें। आगे वह खुद संभाल लेंगीं। इसके बाद पुलिस ने थाने की गाड़ी से दोनों युवतियों को आइएसबीटी पहुंचाया, जहां उन्हें चंडीगढ़ की बस में बैठा दिया गया।
माता-पिता को लिखा था पत्र
दोनों युवतियों ने घर से जाने पहले माता-पिता के नाम पत्र छोड़ा था। जिसमें दोनों ने लिखा था कि वह अपनी मर्जी से घर से जा रही हैं। मगर परिजनों को तब यह बात समझ में नहीं आई और अनहोनी की आशंका से परेशान होकर पुलिस में गुमशुदगी दर्ज करा दी।
सभी जानने लगे थे हकीकत
रायपुर और नेहरू कॉलोनी पुलिस की जांच में कुछ दिन बाद ही स्थिति स्पष्ट हो गई थी। परिजनों को भी भनक लग गई थी कि दोनों साथ रह रही हैं, लेकिन परिजन चाहते थे कि उनकी बेटियां घर वापस आ जाएं, जिसकी उम्मीद शनिवार को क्षीण हो गई और परिजन मायूस होकर अपने-अपने घर चले गए।
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