एसआइटी ने की शंखधर की प्रॉपर्टी और बैंक खातों की जांच
करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में जेल गए जनजाति निदेशालय के उप निदेशक अनुराग शंखधर की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। एसआइटी ने बैंक खातों प्रॉपर्टी और परिजनों से जुड़ी आय का ब्योरा मांग लिया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में जेल गए जनजाति निदेशालय के उप निदेशक अनुराग शंखधर की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। एसआइटी ने बैंक खातों, प्रॉपर्टी और परिजनों से जुड़ी आय का ब्योरा मांग लिया है। इस संबंध में जल्द एसआइटी शंखधर के परिजनों के भी बयान दर्ज कर सकती है। इधर, निलंबन के मामले में शासन के अफसरों ने छुट्टी का हवाला देते हुए सोमवार को फैसला होने की उम्मीद जताई है।
हरिद्वार और देहरादून जनपद में बतौर जिला समाज कल्याण अधिकारी रहे उप निदेशक अनुराग शंखधर के कार्यकाल में सबसे ज्यादा छात्रवृत्ति बांटी गई। एसआइटी जांच में करीब 60 करोड़ की गड़बड़ी अभी तक पकड़ में आ गई है। इनमें अधिकांश कॉलेज हरिद्वार जिले में हैं। जबकि देहरादून जिले में बांटी की छात्रवृत्ति प्रकरण पर अभी कार्रवाई नहीं हुई है। इसी मामले में 16 मई को एसआइटी ने हरिद्वार के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी शंखधर को गबन एवं भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर सुद्धोवाला जेल भेज दिया है। एसआइटी ने इस मामले में अब गहन जांच शुरू कर दी है। शंखधर के बैंक खाते, बैंक लॉकर्स की जानकारी दून, हरिद्वार के बैंकों से मांगी गई है। इसके अलावा विभाग से अनुराग शंखधर को जारी हुए वेतन का भी ब्योरा मांगा गया है। साथ ही शंखधर के नाम उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में दर्ज प्रॉपर्टी की भी जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा परिजनों के बैंक खाते, प्रॉपर्टी और दूसरी संपत्ति को भी जांच में शामिल करने की तैयारी कर ली है। दून, हरिद्वार, बदायूं और बरेली में शंखधर की प्रॉपर्टी और दूसरे कारोबार पर भी एसआइटी की नजर है।
उधर, समाज कल्याण के अपर सचिव रामविलास यादव ने कहा कि दो दिन के अवकाश के चलते शंखधर की गिरफ्तारी संबंधी सूचना निदेशालय से नहीं मिल पाई है। सोमवार को दफ्तर खुलने के बाद इस प्रकरण में कार्रवाई तय मानी जा रही है। भ्रष्टाचार के आरोप में शंखधर को जेल भेज दिया है। शंखधर के बैंक खाते, प्रॉपर्टी की जांच कराई जा रही है। जरूरत पड़ने पर परिजनों से भी जानकारी मांगी जाएगी।
- मंजूनाथ टीसी, प्रभारी एसआइटी