जीआइएचएम में पानी की आपूर्ति शुरू, प्रिंसिपल बदले
पटेलनगर स्थित राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान (जीआइएचएम) में बुधवार को पानी की आपूर्ति सुचारू हो गई। यहां एक हफ्ते से छात्र पानी को तरस रहे थे और दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पटेलनगर स्थित राजकीय होटल मैनेजमेंट संस्थान (जीआइएचएम) में बुधवार को पानी की आपूर्ति सुचारू हो गई। छुट्टी पर गए इलेक्टी्रशियन को वापस बुलाकर ट्यूबवेल को ठीक करा दिया गया। इसके अलावा वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार समेत प्रभारी प्रिंसिपल की जिम्मेदारी फिलहाल वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत को सौंप दी गई है। सामंत ने बुधवार को संस्थान में पहुंचकर स्टाफ की मीटिंग ली। कहा कि जल्द व्यवस्थाएं सुधार ली जाएंगी।
दैनिक जागरण ने पटेलनगर स्थित जीआइएचएम में एक सप्ताह से ठप पड़ी पानी, सफाई और अन्य अव्यवस्थाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया। पर्यटन निदेशालय ने खबर का संज्ञान लेते हुए आनन-फानन लंबी छुट्टी पर गई प्रिंसिपल डॉ. आभा भट्ट की जगह फिलहाल प्रभारी प्रिंसिपल की जिम्मेदारी एसएस सामंत को सौंप दी। इसके अलावा ट्यूबवेल ठीक करने के लिए इलेक्ट्रीशियन को छुट्टी से वापस बुलाया गया। दिन के 11 बजे से हॉस्टल में पानी की आपूर्ति सुचारू हो गई। इससे यहां रहने वाले छात्र-छात्राओं और स्टाफ ने राहत की सांस ली है। पानी की आपूर्ति होने के बाद साफ-सफाई का काम भी शुरू हो गया है। प्रिंसिपल पीसी थपलियाल और वार्डन बीडी सती ने बताया कि वेतन और दूसरे खर्चो के बिलों को गुरुवार तक ट्रेजरी भेज दिया जाएगा। खराब पड़े बाथरूम, टूटे दरवाजे एवं अन्य मरम्मत के काम भी इसी माह किए जाएंगे। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद करने की बात कही है। 24 साल से नहीं हुई मरम्मत
जीआइएचएम की बिल्डिंग और हॉस्टल 1995 में बने थे। तब से आज तक यहां कोई मरम्मत के काम नहीं हुए हैं। बाथरूम से लेकर हॉस्टल के दरवाजे व खिड़की के शीशे टूटे पड़े हैं। इसका खामियाजा छात्र-छात्राओं को उठाना पड़ रहा है। वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत को वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार दिए गए हैं। पानी की आपूर्ति सुचारू हो गई है। जल्द दूसरी व्यवस्थाएं भी ठीक कर दी जाएंगी।
- नरेंद्र सिंह, निदेशक पर्यटन।