पुलिस चुनाव में व्यस्त, शहर जाम में फंसा
लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के साथ पुलिस भी निर्वाचन कार्यो में व्यस्त हुई इधर शहर जाम में फंस गया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: लोकसभा चुनाव की तिथि घोषित होने के साथ पुलिस भी निर्वाचन कार्य में व्यस्त हो गई है। सड़क से पुलिस नदारद है, जिसका खामियाजा आम लोगों को अब जाम के रूप में भुगतना पड़ रहा है। जवाबदेही के नाम पर अफसर यह कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं कि फोर्स की कमी होने से ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं। ऐसे में अब अगले एक महीने तक शहर की सड़कों पर जाम में फंसने को तैयार रहिए, क्योंकि पुलिस आपकी मदद के लिए सड़क पर ट्रैफिक संचालन के लिए मौजूद नहीं होगी।
जाम दून शहर का पर्याय बन चुका है। शायद ही कोई ऐसा दिन गुजरता हो, जब शहर में जाम न लगता हो। जाम भी ऐसा कि एक-दो किलोमीटर की दूरी तय करने में घंटे-दो घंटे का वक्त लग जाता है। सोमवार को तो स्थिति इस कदर बिगड़ जाती है कि घंटाघर, राजपुर रोड, सहारनपुर चौक समेत शहर के कई हिस्सों में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
रविवार को लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से पटरी से ही उतर गई। क्योंकि अब पुलिस के लिए ट्रैफिक प्राथमिकता में सबसे नीचे आ गया है। उसकी प्राथमिकता में चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराना है। यह सही भी है। लेकिन, शहर की यातायात व्यवस्था बिगड़ी तो उसका असर अन्य चीजों पर भी पड़ेगा। आने वाले दिनों में सियासी दलों के दिग्गज नेताओं और स्टार प्रचारकों के भी दौरे शुरू होने जा रहे हैं, ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था को किसी भी सूरत में चुनौती से कमतर नहीं आंका जा सकता।
ट्रैफिक की बात करें तो बुधवार को शहर में कोई भी वीवीआइपी मौजूद नहीं था। न ही कोई धार्मिक आयोजन या राजनीतिक दलों की रैली ही थी। फिर भी आइएसबीटी से लेकर मंडी चौक, लाल पुल, सहारनपुर चौक, प्रिंस चौक, गांधी रोड और घंटाघर के आसपास का इलाका, ईसी रोड तक पूरे दिन जाम की स्थिति रही। सड़कों से पुलिस के नदारद होने से जिसे जहां मन में आया गाड़ी पार्क कर दी। सिटी बस और विक्रम की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। मगर उन्हें टोकने-रोकने वाला कोई नहीं था। अफसरों ने फिलहाल इसके लिए फोर्स की कमी को कारण बताया है। ऐसे में अभी एक महीने तक शहर में जाम लगना तय है। अतिक्रमण-पार्किंग ने बढ़ाई मुसीबत
शहर के तमाम हिस्सों में अतिक्रमण ने सड़क को कब्जे में ले रखा है। ट्रैफिक पुलिस पार्किंग को लेकर कुछ इंतजाम करने का खाका तैयार कर ही रही थी कि आचार संहिता लागू होने से वह भी ठप हो गया। फोर्स चुनाव ड्यूटी में लग गई है। ऐसे में शहर में अतिक्रमण ने फिर से सड़कों को अपनी जद में ले लिया है और पार्किंग का तो कोई नियम ही नहीं रह गया है। चुनाव के चलते फोर्स की कमी हो गई है। पहले थानों से भी ट्रैफिक कंट्रोल के लिए ड्यूटी लग जाती थी, लेकिन अब वहां से कम फोर्स मिल रही है। इसके चलते जाम की स्थिति बन रही है। फिर भी प्रयास किया जा रहा है कि शहर में यातायात सुचारू रूप से चले। इसके लिए अतिरिक्त बल की मांग की गई है।
- प्रकाश चंद्र आर्य, एसपी ट्रैफिक