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अब दून मेडिकल कॉलेज में होगी स्वाइन फ्लू की जांच

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जल्द ही स्वाइन फ्लू की जांच शुरू हो जाएगी और जांच के लिए नमूने दिल्ली नहीं भेजने पड़ेंगे। अस्पताल प्रशासन ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 22 Feb 2019 09:00 AM (IST)Updated: Fri, 22 Feb 2019 07:49 PM (IST)
अब दून मेडिकल कॉलेज में होगी स्वाइन फ्लू की जांच
अब दून मेडिकल कॉलेज में होगी स्वाइन फ्लू की जांच

देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जल्द ही स्वाइन फ्लू की जांच शुरू हो जाएगी और जांच के लिए नमूने दिल्ली नहीं भेजने पड़ेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल में वायरोलॉजी लैब स्थापित करने को मंजूरी दे दी है। स्वास्थ्य सचिव नितेश झा के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने भी इसकी तैयारी शुरू कर दी है। उम्मीद है, एक माह के भीतर मशीनें एवं अन्य उपकरण खरीद लिए जाएंगे। 

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बता दें, गत वर्ष केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम ने दून में वायरोलॉजी लैब स्थापित करने के लिए विभिन्न स्वास्थ्य इकाईयों का निरीक्षण किया था। यह प्रदेश केकिसी सरकारी अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में स्थापित होने वाली अपनी तरह की पहली लैब होगी। 

इस कदम से उत्तराखंड इन्फ्लूएंजा सर्विलांस लैबोरेटरी नेटवर्क (आइएसएलएन) का भी हिस्सा बन जाएगा। अभी तक देश में ऐसी 21 प्रयोगशालाएं हैं। जिन राज्यों में यह सुविधा नहीं है, वह नमूने निकटवर्ती राज्य की प्रयोगशालाओं में भेजते हैं। उत्तराखंड से नमूने दिल्ली भेजे जाते हैं। जिसकी रिपोर्ट आने में कई दिन का वक्त लगता है। 

दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना व अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने अस्पताल को वायरोलॉजी लैब के लिए उपयुक्त पाया है। स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग को लैब स्थापित करने के लिए मशीनें, उपकरणों के लिए प्रस्ताव देने को कहा है। ताकि एक माह के भीतर खरीद प्रक्रिया पूरी कर लैब को शुरू किया जा सके।

11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि

स्वाइन फ्लू का वायरस लगातार कहर बरपा रहा है। गुरुवार को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। अब तक प्रदेश में 267 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। स्वाइन फ्लू से 31 लोगों की मौत हो चुकी है। सीएमओ डॉ. एसके गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को 11 मरीजों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। 

आठ साल से जंग खा रही कल्चर टेस्ट की मशीन

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ब्लड कल्चर के लिए खरीदी गई करीब दस लाख रुपये की मशीन धूल फांक रही है। हद देखिए, आठ साल से इसकी पैकिंग तक नहीं खुली है। उस पर अस्पताल प्रशासन के पास मशीन से जुड़े दस्तावेज तक नहीं हैं। ऐसे में अब चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने स्वास्थ्य महानिदेशालय को पत्र भेज रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा है। ताकि मशीन स्थापित कर मरीजों की जांच शुरू की जा सके।

करीब तीन साल पहले दून अस्पातल को मेडिकल कॉलेज में तब्दील किया गया था। जिसके बाद अस्पताल के तमाम संसाधन मेडिकल कॉलेज के हिस्से आ गए। इनमें कई मशीनें जहां अपनी आयु पूरी कर चुकी हैं, जबकि कुछ अभी तक इस्तेमाल ही नहीं हुई हैं। 

ब्लड कल्चर से जुड़ी मशीन भी इन्हीं में से एक है। यह मशीन पिछले आठ साल से बिना इस्तेमाल पड़ी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा का कहना है कि यह मशीन मेडिकल कॉलेज बनने से पहले खरीदी गई थी। इससे जुड़ा रिकॉर्ड अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में स्वास्थ्य महानिदेशालय से जानकारी मांगी गई हैं। 

ये है ब्लड कल्चर जांच 

कल्चर टेस्ट इसलिए कराया जाता है ताकि बैक्टीरिया, फंगल या फिर वायरस को पहचाना जा सके। इस टेस्ट से शरीर के भीतर बढऩे वाले इंफेक्शन को पहचाना जा सकता है। इस टेस्ट में किसी भी वायरस, बैक्टीरिया की ताकत को मापा जाता है। इसके बाद बढ़े हुए बैक्टीरिया पर एंटी बायोटिक व अन्य दवाओं के टेस्ट लगाए जाते हैं। इससे वह खत्म होता है। 

इस टेस्ट के माध्यम से चिकित्सक बीमारी खत्म करने वाली असरदार दवाएं लिख सकते हैं। इस जांच को बाहर से कराने में एक से डेढ़ हजार रुपये की फीस चुकानी पड़ती है। जबकि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में यह जांच न्यूनतम दर पर होगी। जो मरीजों की जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी। 

24 घंटे होगी पैथोलॉजी जांच 

आने वाले वक्त में अस्पताल में पैथोलॉजी जांच 24 घंटे होंगी। अस्पताल प्रशासन ने इसे लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि पैथोलॉजी24 घंटे संचालित करने के लिए स्टाफ की संख्या बढ़ानी होगी। इसका प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। अस्पताल में न केवल शहर बल्कि दूर-दराज से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस सुविधा से उन्हें खासी राहत मिलेगी।

कुत्ता काटे तो मत जाइएगा दून अस्पताल

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन खत्म हो गई है। इस कारण मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। बता दें, शहर में आवारा कुत्तों की संख्या के साथ कुत्तों के काटे जाने की घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं है। ऐसे में मरीज या तो बिना टीका लगाए लौट रहे हैं या फिर बाहर से महंगे दाम पर इंजेक्शन खरीदकर लगवा रहे हैं। 

अस्पताल में रोजाना 150 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने पहुंचते हैं। इसमें 30 से 40 मरीज रोजाना नए होते हैं। कुत्ते के काटने पर घाव के अनुसार तीन से सात टीके लगाए जाते हैं। बाजार में इसकी कीमत 300 से 350 रुपये के बीच होने से गरीब इसे खरीद पाने में असमर्थ हैं। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि वैक्सीन की व्यवस्था जल्द कर ली जाएगी। 

दून को मिलेगा 300 बेड का नया अस्पताल

राजधानी में 300 बेड का नया अस्पताल बनेगा। इस अस्पताल में जच्चा-बच्चा और कैंसर के इलाज की सुविधा होगी। आगामी 27 फरवरी को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हर्रावाला में अस्पताल का शिलान्यास करेंगे। 

मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी धीरेंद्र पंवार ने हर्रावाला में भूमि का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के साथ ही मुख्यमंत्री इस क्षेत्र के लिए 80 करोड़ की सड़कों का भी शिलान्यास करेंगे। इसके अलावा नकरौंदा वार्ड में 135 केवी के विद्युत स्टेशन का भी शिलान्यास होगा। 

उन्होंने कहा कि हर्रावाला में 300 बेड का अस्पताल बनने से कुआंवाला, नकरौंदा, बालावाला, नथुवावाला, मियांवाला, मोहकमपुर, लच्छीवाला आदि की एक लाख से ज्यादा आबादी को इसका लाभ मिलेगा। यह न केवल क्षेत्र, बल्कि पहाड़ से आने वाले लोगों के लिए भी अस्पताल लाभकारी होगा। यह न केवल जच्चा-बच्चा अस्पताल होगा, बल्कि कैंसर का भी उपचार यहां मिलेगा। इस दौरान संजय सिंह चौहान, राजपाल सिंह रावत, नरेंद्र सिंह बिष्ट, प्रमोद यादव, अजय कुमार, राजकुमार पासवान, रोशन लाल आदि मौजूद रहे।

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