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लोनिवि समेत विभागों में टेंडर प्रक्रिया स्थगित

राज्य ब्यूरो, देहरादून इसे ठेकेदार लॉबी का दबाव कहें या कुछ और। बात चाहे जो भी हो, लेकिन ई-टेंडर प

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 01:00 AM (IST)
लोनिवि समेत विभागों में टेंडर प्रक्रिया स्थगित

राज्य ब्यूरो, देहरादून

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इसे ठेकेदार लॉबी का दबाव कहें या कुछ और। बात चाहे जो भी हो, लेकिन ई-टेंडर प्रक्रिया को लेकर विधायक आगे आए हैं। काबीना मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई विधायकों की बैठक में अग्रिम आदेशों तक लोनिवि समेत अन्य कार्यदायी संस्थाओं के सभी टेंडर स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। कहा गया कि लोनिवि में टेंड¨रग प्रक्रिया को लेकर हाल में जो शासनादेश जारी हुआ, वह अगस्त में मुख्यमंत्री के निर्देश पर हुई बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार नहीं है।

प्रोक्योरमेंट नियमावली के तहत लोनिवि समेत विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं में ई-टेंड¨रग की व्यवस्था की गई है। इसे लेकर पूर्व में ठेकेदार एसोसिएशन आंदोलन कर चुकी है। उसका तर्क था कि 25 लाख से ऊपर के सभी टेंडर के लिए जब ई-टेंड¨रग की व्यवस्था होगी तो स्थानीय ठेकेदारों को काम मिलना खासा मुश्किल होगा। इस पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर नौ अगस्त को काबीना मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, वित्त व सिंचाई सचिव, विभागाध्यक्ष लोनिवि की बैठक हुई, जिसमें स्थानीय ठेकेदारों के हितों की रक्षा पर जोर दिया गया। साथ ही 25 लाख से ऊपर के कार्य की ई-टेंड¨रग प्रक्रिया में कुछ छूट देने की बात कही गई थी। इसके बाद ठेकेदार एसोसिएशन ने आंदोलन स्थगित कर दिया था।

मामले में नया मोड़ तब आया, जब हाल में लोनिवि में विभिन्न कार्याें के मद्देनजर टेंडर प्रक्रिया से संबंधित शासनादेश जारी हुआ। इसमें 25 लाख से ऊपर के कार्य दो अथवा तीन पार्ट में तोड़ने की बात कही गई। जाहिर है कि एक करोड़ से अधिक के कार्य तीन पार्ट में तोड़ने पर भी स्थानीय ठेकेदारों को राहत नहीं मिल पा रही।

इस मसले को लेकर काबीना मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में मंगलवार को विधानसभा में विधायकों और लोनिवि व वित्त विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई। लोनिवि के संबंध में जारी शासनादेश पर असहमति जताते हुए कहा गया कि यह नौ अगस्त की बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार नहीं है। इसके अनुसार प्रोक्योरमेंट नियमावली में संशोधन के लिए टेंडर प्रक्रिया में संशोधन की फाइल वित्त विभाग में पुन: प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए।

साथ ही अग्रिम आदेशों तक लोनिवि समेत अन्य कार्यदायी संस्थाओं के सभी टेंडर प्रक्रिया स्थगित रखने का निर्णय लिया गया। बैठक में विधायक गोपाल सिंह रावत, कैलाश चंद्र गहतोड़ी, केदार सिंह रावत, मुकेश कोली, विजय सिंह पंवार, उमेश शर्मा काऊ, रितुभूषण खंडूड़ी, भरत सिंह चौधरी, विनोद कंडारी, पूरण सिंह फत्र्याल व नवीन चंद्र दुम्का, अपर सचिव वित्त एलएन पंत, संयुक्त सचिव एसएस टोलिया, लोनिवि के मुख्य अभिंयता आरसी पुरोहित मौजूद थे।


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