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उत्तराखंड की झीलों में भी उतरेंगे सी-प्लेन

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्र सरकार निकट भविष्य में उत्तराखंड समेत हिमालय की बड़ी झीलों में भी सी-प्

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Dec 2017 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 13 Dec 2017 01:00 AM (IST)
उत्तराखंड की झीलों में भी उतरेंगे सी-प्लेन
उत्तराखंड की झीलों में भी उतरेंगे सी-प्लेन

राज्य ब्यूरो, देहरादून: केंद्र सरकार निकट भविष्य में उत्तराखंड समेत हिमालय की बड़ी झीलों में भी सी-प्लेन उतारने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात के दौरान केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इसका भरोसा दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में यह यातायात का बहुत सस्ता माध्यम बन सकता है। मुख्यमंत्री ने इस दौरान केंद्रीय मंत्री से रामनगर-कर्णप्रयाग राज्य राजमार्ग समेत प्रदेश के कुछ अन्य राजमार्गो को राष्ट्रीय राजमार्ग में परिवर्तित करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने नमामि गंगे योजना के साथ ही लखवाड़-व्यासी समेत उत्तराखंड की 33 जल विद्युत परियोजनाओं के मामले में भी केंद्र सरकार से मदद मांगी। केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य की जलविद्युत परियोजनाओं के लिए ऊर्जा, जल संसाधन एवं वन मंत्रालय तीनों विभाग मिलकर सकारात्मक कदम उठाएंगे।

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मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नई दिल्ली में हुई मुलाकात के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी से उत्तराखंड में भी सी-प्लेन उतारने पर चर्चा की। उन्होने कहा कि राज्य में केंद्र के सहयोग से टिहरी, नैनीताल की झीलों के साथ ही प्रमुख नदियों से सी-प्लेन की शुरूआत की जा सकती है। केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि केंद्र की योजना उत्तराखंड समेत अन्य हिमालयी क्षेत्र की बड़ी झीलों में सी-प्लेन की लैंडिंग कराने की है। सी-प्लेन की विशेषता है कि यह एक फीट पानी तथा सड़क में भी उतर सकता है। अमेरिका, कनाडा, जापान की तर्ज पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से इसके लिए नियम बनाए जा रहे हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि ऑल वेदर रोड का कार्य प्रगति पर है। केंद्र सरकार से संसाधनों के विकास के लिए धनराशि आदि का पूरा सहयोग मिल रहा है। लखवाड़-व्यासी परियोजना, किसाऊ बांध परियोजना के लिए भी केंद्र से सकारात्मक सहयोग मिल रहा है। उन्होंने उत्तराखंड की 33 जल विद्युत परियोजनाओं पर व्यापक चर्चा की। उन्होंने कहा कि इनकी कुल क्षमता 4060 मेगावाट तथा लागत 41 हजार करोड़ रुपये है। विभिन्न कारणों से रुकी हुई हैं। इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस संबंध में ऊर्जा, जल संसाधन एवं वन मंत्रालय तीनों विभाग मिलकर राज्य हित में सकारात्मक कदम उठाएंगे।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय मंत्री से अनुरोध किया कि लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से शीघ्र सहमति प्रदान कराई जाए। केंद्रीय मंत्री ने मुख्यमंत्री को राज्य की लंबित परियोजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग का आश्वासन दिया।


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