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हवन व भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन

संवाद सूत्र, त्यूणी: व्यापार मंडल व शिव मंदिर समिति की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का सोमवार को ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Dec 2017 08:38 PM (IST)Updated: Mon, 11 Dec 2017 08:38 PM (IST)
हवन व भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन
हवन व भंडारे के साथ भागवत कथा का समापन

संवाद सूत्र, त्यूणी: व्यापार मंडल व शिव मंदिर समिति की ओर से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का सोमवार को हवन पूजन व भंडारे के साथ समापन हुआ। समापन अवसर पर सुबह से ही कथा स्थल पर श्रद्धालु एकत्रित होने लगे। हवन पर हुए मंत्रोचार से आसपास का वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने पूर्णाहुति के साथ भगवान का आशीर्वाद लेकर शिव ज्योर्ति¨लग का जलाभिषेक कर शांति व समृद्धि की कामना की।

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इससे पूर्व कथा के अंतिम दिन कथा व्यास लोकेश बडोनी मधुर ने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा के मित्र प्रेम का वर्णन करते हुए कहा कि सच्चे प्रेम में ऊंच और नीच नहीं होती और न ही अमीरी-गरीबी होती है। भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता को सच्चे मित्र प्रेम के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। सुदामा को अपने द्वार पर देखकर भगवान श्री कृष्ण खड़े हो गए और स्वयं दौड़कर द्वार तक चले गए और अपने मित्र सुदामा को गले लगा लिया। कथा के दौरान अरे द्वारपालों, कन्हैया से कह दो के दर पे सुदामा गरीब आ गया है भजन पर श्रद्धालु झूम उठे। समापन अवसर पर कथा व्यास ने श्रद्धालुओं को हवन का महत्व बताया। इस दौरान पूर्व क्षेपं सदस्य सुशील गौड़, जगतराम शर्मा, बाबूराम गौड़, राजेंद्र शर्मा, टीकाराम बहुगुणा, अनिल गौड़, मायाराम आदि मौजूद रहे।


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