गुलदार ने तीन वर्ष में 16 लोगों को मार डाला
संवाद सूत्र, रायवाला: तीन साल में गुलदार के हमले में 16 लोग जान गंवा चुके हैं, वहीं 13 लोग
संवाद सूत्र, रायवाला:
तीन साल में गुलदार के हमले में 16 लोग जान गंवा चुके हैं, वहीं 13 लोग जख्मी हो चुके हैं। यदि जन सुरक्षा के इंतजाम इसी तरह लचर रहे तो आने वाले दिनों में मौत का यह सिलसिला और अधिक बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता।
राजाजी टाइगर रिजर्व से सटे ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का आतंक थम नहीं रहा है, बावजूद इसके पार्क प्रशासन कुंभकर्णी नींद में है। आदमखोर गुलदार के नाम पर अब तक आठ गुलदार पकड़कर दूसरी जगह शिफ्ट किए गए लेकिन लोगों पर हमले की घटनाओं में कमी नहीं आई। तीन साल के भीतर अब तक 16 लोग गुलदार का निवाला बन चुके हैं। इसी दिसंबर महीने में दो लोग मारे गए। रायवाला में सबसे पहली घटना 28 मार्च 2014 को सामने आई थी तब गुलदार आंगन में खेल रहे सात वर्ष के एक बच्चे को उठा ले गया। तब से आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती रही है। बढ़ती घटनाओं के बावजूद पार्क प्रशासन लोगों की सुरक्षा के कारगर उपाय नहीं कर पाया। लोगों में भय का माहौल इस कदर है कि शाम ढलने के बाद वह घरों से बाहर निकलने में कतराने लगे हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस पर सख्त नाराजगी जताई और पार्क निदेशक को जरूरी कदम उठाने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इस बात का वैज्ञानिक विश्लेषण कराएं कि गुलदार के हमले की घटनाएं इतनी ज्यादा क्यों बढ़ रही है। उनकी रोकथाम के लिए किस तरह के कदम उठाए जाने की जरूरत है।
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गुलदार के सिर पर आई चोटें
बीते शुक्रवार को मोतीचूर के पास से पकड़े गए गुलदार को पार्क प्रशासन ने अभी ऑब्जर्वेशन के लिए रवासन यूनिट में रखा हुआ है ताकि इस बात का पता लगाया जा सके कि वह आदमखोर है या नहीं। वहीं दांत व नाखून से लिये गए सेंपल जांच के लिए वाइल्ड लाइफ इंस्टिट्यूट भेजे गए हैं । पार्क सूत्रों ने बताया कि ¨पजरे में बंद एक गुलदार की हालत खराब है। वह खुद को मुक्त कराने के लिए लगातार छटपटा रहा है। उसके सिर व दांतों पर गंभीर चोट आई हैं। हालांकि पार्क अधिकारी इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।