ईश्वर का सर्वोत्तम और निज नाम ॐ
जागरण संवाददाता, देहरादून: वैदिक साधन आश्रम तपोवन में बुधवार को पांच दिवसीय शरदोत्सव का शुभारंभ हुआ।
जागरण संवाददाता, देहरादून: वैदिक साधन आश्रम तपोवन में बुधवार को पांच दिवसीय शरदोत्सव का शुभारंभ हुआ। सुबह योग साधना के बाद यज्ञ हुआ और फिर विद्वानों ने भजनोपदेश किए। वेद पाठ महर्षि दयानंद आर्ष ज्योर्तिमठ गुरुकुल पौंधा के ब्रह्मचारियों ने किया।
भजनोपदेश करते हुए पंडित रूवेल सिंह आर्यवीर ने कहा कि आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ और प्रगतिशील होता है। यानी आर्य समाज श्रेष्ठ और प्रगतिशील लोगों का समाज है। महर्षि दयानंद ने वेद मत को फिर से स्थापित करने के लिए आर्य समाज की नींव रखी। उन्होंने कहा कि ईश्वर का सर्वोत्तम और निज नाम ॐ है। इसलिए हमें ॐ का जाप करना चाहिए। कहा कि सत्य को ग्रहण करने और असत्य को त्यागने के लिए सदा तत्पर रहना चाहिए। साथ ही ज्ञान की ज्योति फैलाकर अंधकार को दूर करने का हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए। यही एक आर्य समाजी का धर्म है।
शरदोत्सव में योगाभ्यास डॉ. दिव्यानंद सरस्वती ने कराया, जिसमें विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। इस मौके पर दर्शन कुमार अग्निहोत्री, प्रेमप्रकाश शर्मा, सुधीर कुमार माटा, संतोष रहेजा, योगेश मुंजाल, डॉ. शशि वर्मा, महेंद्र सिंह चौहान, गोपाल कृष्ण, विजय कुमार आदि मौजूद रहे।