कर्मचारियों को रास नहीं आया कैबिनेट का निर्णय
राज्य ब्यूरो, देहरादून: माह के चौथे शनिवार को सचिवालय में अवकाश रखने का राज्य मंत्रिमंडल का फैसला सच
राज्य ब्यूरो, देहरादून: माह के चौथे शनिवार को सचिवालय में अवकाश रखने का राज्य मंत्रिमंडल का फैसला सचिवालय कर्मचारियों को रास नहीं आया। वजह यह है कि कैबिनेट ने माह के चौथे शनिवार को अवकाश की एवज में सचिवालय में काम की अवधि में आधे घंटे का इजाफा भी कर दिया। नतीजा यह कि सप्ताह में पांच दिनी कार्यदिवस की उम्मीद कर रहे सचिवालय कर्मी कैबिनेट के इस फैसले के विरोध में उतर आए हैं।
राज्य सचिवालय में पूर्व में पांच दिनी कार्यदिवस की व्यवस्था ही कायम थी, मगर नवंबर 2014 में मंत्रिमंडल ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए सचिवालय में छह दिनी कार्यदिवस लागू कर दिया था। साथ ही, कार्य का समय भी शाम पांच बजे तक नियत कर दिया था। राज्य सरकार के इस निर्णय पर सचिवालय कर्मचारियों में भारी आक्रोश था, जिसका उन्होंने विभिन्न मंचों से विरोध भी किया। यह दीगर बात है कि सरकार अपने इस निर्णय पर ही कायम रही।
इस बीच सचिवालय के विभिन्न कर्मचारी संगठन पूर्व की भांति पांच दिनी कार्यदिवस की व्यवस्था फिर से लागू करने की मांग मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाते रहे। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरूवार को पांच दिन का कार्यदिवस तो लागू नहीं किया, मगर माह में चौथे शनिवार को भी अवकाश रखने का निर्णय कर दिया। इसकी एवज में काम का समय भी शाम पांच बजे से बढ़ाकर साढे़ पांच बजे कर दिया है। कैबिनेट के इस निर्णय का सचिवालय कर्मियों ने विरोध शुरू कर दिया है।
सचिवालय समीक्षा अधिकारी संघ ने इस निर्णय को कर्मचारी विरोधी निर्णय बताते हुए विरोध का ऐलान किया है। संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी ने कहा कि कार्मिक लगातार पांच दिनी कार्यदिवस वाली पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग उठा रहे थे, मगर इससे इतर कैबिनेट ने माह के सिर्फ चौथे शनिवार को अवकाश की एवज में काम का आधा घंटा भी बढ़ा दिया। इसका समीक्षा अधिकारी संघ विरोध करेगा। साथ ही, संघ अपना आंदोलन जारी रखेगा।