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अनुसूचित जाति और जनजाति से सूबे में हो रहा भेदभाव

देहरादून: उत्तराखंड एससी-एसटी इंपलाइज फैडरेशन की रविवार को जीएमएस रोड पर एक बैठक हुई। बैठक के मुख्य

By Edited By: Published: Sun, 01 Feb 2015 07:50 PM (IST)Updated: Sun, 01 Feb 2015 07:50 PM (IST)

देहरादून: उत्तराखंड एससी-एसटी इंपलाइज फैडरेशन की रविवार को जीएमएस रोड पर एक बैठक हुई। बैठक के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त आइएएस चंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के साथ भेदभाव हो रहा है। सरकार को इनके हित के लिए प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

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फैडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष करम राम ने कहा कि राजस्थान, पंजाब और हिमाचल की सरकारों ने पदोन्नति में आरक्षण बहाल कर दिया है। हरियाणा सरकार ने कैबिनेट में इस प्रस्ताव को पास कर दिया है। लेकिन, उत्तराखंड सरकार इस मुद्दे पर खामोश है। इस बाबत सरकार ने आयोग का गठन कर रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन 28 महीने बाद भी रिपोर्ट सामने नहीं आई। ऐसे में पदोन्नति में आरक्षण का लाभ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कार्मिकों नहीं मिल पा रहा और पद लगातार खत्म होते जा रहे हैं।

इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा और रणनीति बनाने के लिए 15 फरवरी को प्रांतीय कार्यकारिणी की देहरादून में बैठक आहूत की गई है। साथ ही 11 फरवरी को हल्द्वानी में होने वाली अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति महापंचायत में फैडरेशन भी हिस्सा लेगा। बैठक में महासचिव जितेंद्र सिंह बुटोइया, सुंदर लाल मुयाल, दलीप चंद्र आर्य, रघुनाथ आर्य, सुनीता प्रकाश, रणवीर सिंह तोमर, राजेंद्र सिंह शाह, चंद्रशेखर, सूरज चंद मंद्रवाल आदि मौजूद रहे।


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