हरिद्वार व ऋषिकेश में सीवर लाइन को 1200 करोड़ मंजूर
गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की दिशा में अब जर्मन डेवलपमेंट बैंक ने सहयोग को हाथ आगे बढ़ाए हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: गंगा को अविरल और निर्मल बनाने की दिशा में अब जर्मन डेवलपमेंट बैंक ने सहयोग को हाथ आगे बढ़ाए हैं। बैंक ने हरिद्वार व ऋषिकेश को शत प्रतिशत सीवर लाइन से जोड़ने के लिए 1200 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है। नई दिल्ली में केंद्र सरकार की मध्यस्थता में जर्मन डेवलपमेंट बैंक और उत्तराखंड के बीच ऋण अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए। उत्तराखंड के पेयजल मंत्री प्रकाश पंत की उपस्थिति में प्रदेश की ओर से सचिव पेयजल अरविंद सिंह ह्यांकी ने करार पर हस्ताक्षर किए।
इस ऋण अनुबंध के तहत 1200 करोड़ रुपये की परियोजना लागत में 960 रुपये ऋण अंश होगा और 240 करोड़ रुपये राज्य सरकार को स्टेट काउंटर पार्ट फंडिंग के रूप में वहन करना होगा। ऋण अंश में 90 प्रतिशत भारत सरकार और दस प्रतिशत प्रदेश सरकार वहन करेगी। इस अनुबंध के तहत बनने वाले सीवर नेटवर्क का कार्य पूरा होने के 15 वर्ष बाद तक उचित रखरखाव के लिए भारत सरकारी नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत आवश्यक धनराशि मुहैया कराएगी। पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने बताया कि यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस ऋण से घरेलू सीवर का नालों अथवा गंगा एवं उसकी सहायक नदियों में हो रहे प्रवाह को रोकने के लिए सीवर नेटवर्क बिछाया जा सकेगा। उन्होंने उम्मीद जताई की भविष्य में भी भारत सरकार से पेयजल योजना आदि क्षेत्रों के लिए सहयोग मिलता रहेगा। यहां बिछेगा सीवर नेटवर्क
छह वर्षीय इस कार्यक्रम के तहत हरिद्वार नगर तथा उससे सटे क्षेत्रों जैसे हरिपुर कलां, जगजीतपुर, सीतापुर व सराय में 181.50 किमी सीवर नेटवर्क बिछाया जाएगा।
ऋषिकेश नगर तथा उससे सटे क्षेत्र प्रगति विहार, शैल विहार, इंदिरा नगर, मीरा नगर, खड़कमाफी, शिवजी नगर, वीरपुर खुर्द, बापूग्राम, आमबाग व निर्मलबाग में 180 किमी सीवर नेटवर्क बिछाया जाएगा। यहां दो सीवेज पंपिंग स्टेशन सहित दो एमलडी क्षमता का ट्रीटमेंट प्लान बनाया जाएगा।
इन दोनों नगरों में पहले से नमामि गंगे अभियान के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट तथा नालों के डायवर्जन का काम चल रहा है।