उत्तराखंड बिना शिक्षकों के इन चार बड़े डिग्री कालेजों में कैसे होगी पढ़ाई, 120 पद पड़े हैं खाली
एमकेपी डीएवी डीबीएस और एसजीआरआर पीजी कालेज में शिक्षकों की कमी बनी हुई है। यहां शिक्षकों के 120 पद खाली चल रहे हैं। ऐसे में बार-बार यही सवाल उठ रहा है कि आखिर छात्र कैसे पढ़ेंगे और कैसे आगे बढ़ेंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून के चार बड़े सहायता प्राप्त अशासकीय कालेज उत्तराखंड राज्य गठन से उच्च शिक्षा में अपनी पहचान बनाए हुए हैं। डीएवी, डीबीएस, एमकेपी और एसजीआरआर पीजी कालेज से पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं आइएएस, आइपीएस के अलावा शिक्षाविद और समाजसेवक बने हैं, लेकिन समय के साथ इन कालेजों में सुविधाएं अपग्रेड नहीं हुई। साथ ही शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने के बाद उन पदों पर नई भर्ती न होने से इन कालेजों में शिक्षकों की कमी पठन-पाठन में आड़े आ रही है।
वर्तमान में इन चारों कालेजों में 20 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं स्नातक व स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं का कहना है कि यदि यहां पर्याप्त शिक्षक हों और बुनियादी सुविधाएं अपग्रेड की जाएं तो यह कालेज और बेहतर परिणाम देने में सक्षम हैं। शहर में एक मात्र छात्राओं के एमकेपी कालेज में शिक्षकों के स्वीकृत 64 पदों में से 42 पद रिक्त हैं। ऐसे में गुणवत्तायुक्त शिक्षा छात्र-छात्राएं कैसे प्राप्त करेंगे। एमकेपी पीजी कालेज की प्राचार्य डा. रेखा खरे ने कहा कि जिन विभाग में पांच-पांच पद स्वीकृत हैं, वहां एक-एक शिक्षक से काम चलाया जा रहा है।
ये है शिक्षकों की स्थिति
कालेज, स्वीकृत पद, रिक्त पद, छात्र संख्या
एमकेपी, 64, 42, 3413
डीएवी, 185, 50, 12,715
डीबीएस, 66, 18, 1350
एसजीआरआर, 40,10, 1950
क्या कहते हैं छात्र
डीएवी कालेज के एमए के छात्र मनोज कुमार ने बताया कि दून के इन चार कालेजों में प्रदेशभर के छात्र-छात्राएं दाखिला लेते हैं। उत्तराखंड बोर्ड, सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड के अलावा बाहरी राज्यों के बोर्ड से 12वीं पास करने वाले छात्र-छात्राएं यहां पढ़ाई को आते हैं। यदि बुनियादी सुविधाएं बढ़ाई जाएं तो ये कालेज और बेहतर परीक्षा परिणाम दे सकते हैं।
बीकाम तृतीय वर्ष के छात्र (डीएवी) अभिषेक ममगाईं का कहना है कि पारंपरिक विषयों से स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के लिए आज भी प्रदेशभर में दून के डीएवी, डीबीएस छात्रों की पहली पसंद है। यहीं कारण है कि यहां बीएससी प्रथम वर्ष में दाखिला लेने के लिए पीसीएम ग्रुप में 99 और 98 प्रतिशत तक कटआफ जाती है। सरकार को इन कालेज पर ध्यान देना चाहिए।
हिमाक्षी का कहना है कि एमकेपी कालेज में साल-दर साल शिक्षकों के पद रिक्त होते जा रहे हैं। रिक्त पद के सापेक्ष नई भर्ती नहीं हो रही है। ऐसे में जहां एक विभाग में पांच शिक्षक होने चाहिए थे, वहां सिर्फ एक शिक्षक हैं। सरकार को तत्काल कालेज के रिक्त पदों को भरने पर गंभीरता से कदम उठाने चाहिए।
एमकेपी पीजी कालेज से एमए (तृतीय वर्ष) कर रहीं मनोरमा रावत ने कहा कि अगर सरकार इन कालेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भर दे, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लास रूम, स्पोर्ट्स निदेशक की नियुक्ति जैसे कार्य करवा दे तो इन कालेजों का परिणाम शत प्रतिशत रहेगा। स्नानक और स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने वाले छात्र बेहतर करियर बनाएंगे।
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