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नदियों का सीना चीर रहा खनन माफिया

By Edited By: Wed, 31 Jul 2013 07:56 AM (IST)
नदियों का सीना चीर रहा खनन माफिया

सुकांत ममगाईं, देहरादून :

कहने के लिए बरसात में ख्रनन बंद रहता है, मगर रेत-बजरी लदी गाड़ियों का रेला इस नियम को सरेआम झुठला रहा है। खनन माफिया बेखौफ नदियों का सीना चीर रहे हैं, भोर होने से लेकर अंधेरा घिर आने तक। ट्रैक्टर-ट्रॉलियां शहर की नदियों से दिनभर खनिज ढोती हैं। जिस राह यह गाड़ियां गुजरती हैं। वहां पुलिस और वन महकमे की चौकियां भी हैं, पर बस दिखावे भर की। वहां तैनात कर्मचारी अपनी आंखें मूंदे रहते हैं। अवैध खनन पर प्रशासन कार्रवाई करता है, लेकिन संजीदगी यहां भी नहीं दिखायी पड़ती। प्रशासन द्वारा अवैध खनन में पकड़े गए वाहनों का पिछली एक तिमाही का जो आंकड़ा है, उससे कहीं अधिक गाड़ियां रोजाना नदियों से खनिज ढो रही हैं। 'दैनिक जागरण' ने पड़ताल में यह उजागर हो गया कि प्रशासन के दावों पर खनन कारोबारियों का सिंडिकेट किस कदर हावी है।

सुबह 8.30 बजे, नथुवावाला से लगा सौंग नदी का तट

नदी के एक छोर पर तेज बारिश में भी मजदूर गैंती-फावड़े लेकर खुदाई में लगे हैं। उनके पास लगे बालू के ढेर इस बात की तस्दीक कर रहे थे कि यह काम काफी देर से चल रहा है। कुछ देर में ट्रैक्टर की आवाज सुनाई दी। एक के बाद एक, आठ ट्रैक्टर-ट्रॉली वहां पहुंच गयी। मजदूर इकट्ठा किया हुआ रेता इन गाड़ियों में भरने लगे।

- सुबह 9.15 बजे, गूलरघाटी में सौंग का तट

यहां भी नदी के अलग-अलग छोर पर सुबह से ही सक्रियता दिखायी दी। मजदूरों के अलग-अलग समूह खुदाई में लगे हैं। पानी का बहाव तेज है,पर यह बेखौफ होकर अपने काम में मशरूफ हैं। कुछ मजदूर एक ट्रैक्टर में रेता भर रहे हैं। ट्रैक्टर इस कदर भर गया कि नदी से निकलते वक्त मजदूरों को उसे धक्का मारना पड़ा।

- 10.45 बजे, मालदेवता पुल के नीचे

यहां नदी से रेता-बजरी ढोने के लिए ट्रैक्टर नहीं थे। खनन कारोबारियों ने एक अलग जुगाड़ खोज निकाला है। यहां मजदूर खच्चरों की मदद से रेता ढो रहे हैं। यहां से करीब डेढ़ किलोमीटर के फासले पर छोटे ट्रक खड़े हैं। इसी तरह खच्चरों में लदा माल यहां तक आता है और फिर ट्रक में लदकर आगे जाता है। सड़क पर लगातार ऐसे खच्चरों का रेला दिखायी दिया, जिनकी पीठ पर रेत लदी थी।

- 11.30 बजे, बाजावाला में टौंस नदी का किनारा

यहां हमारे पहुंचने से पहले ही एक वाकया हो गया। स्थानीय लोगों ने अवैध खनन की सूचना पुलिस को दे दी। पुलिसकर्मी पहुंचे तो वहां भगदड़ मच गयी। मजदूर अपने गेंती-फावड़े व छन्ना छोड़ भाग खड़े हुए। रेता लदे दो ट्रैक्टर पुलिसकर्मी अपने साथ ले गए। बताया कि गाड़ियां सीज कर दी हैं। स्थानीय निवासी यशपाल धवन ने बताया कि कहने के लिए पुलिस हर दिन गाड़ियां सीज करती है, मगर खनन कारोबारियों पर ऐसी 'मेहर' है कि यही गाड़ियां अगले दिन फिर दिखायी पड़ जाती हैं।

प्रशासन की कार्रवाई

माह कितनी गाड़ी पकड़ी जुर्माना वसूला

अप्रैल 48 13 लाख 25 हजार 380

मई 38 10 लाख 06 हजार 240

जून 65 19 लाख 68 हजार 940

ये हैं जिम्मेदार

अवैध खनन की शिकायतों को देखते हुए सभी डीएफओ को छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें साफ कहा गया है कि आरक्षित वन क्षेत्र में खनन कतई न होने दें

गंभीर सिंह, मुख्य वन संरक्षक, गढ़वाल क्षेत्र

जहां-जहां शिकायतें मिल रही हैं, कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा सभी एसडीएम को अपने स्तर पर छापेमारी के निर्देश दिए हैं। प्रशासन जल्द एक वृहद अभियान चलाएगा

झरना कमठान, एडीएम वित्त

अवैध खनन को लेकर सभी थाने-चौकियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई के लिए कहा है। इसके अलावा भी पुलिसकर्मी अवैध खनन पर निगाह रखे हुए हैं।

केवल खुराना, एसएसपी

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