दफ्तरों में काम रहा ठप, लोगों को हुई परेशानी
संवाद सहयोगी, चम्पावत : उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के आह्वान पर विभिन्न विभा
संवाद सहयोगी, चम्पावत : उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति के आह्वान पर विभिन्न विभागों के कर्मचारी व अधिकारी गुरुवार को सामूहिक अवकाश पर रहे। जिससे विभागों का कार्य ठप रहा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
दस सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के अधिकारी व कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। कलक्ट्रेट परिसर में एकत्रित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों ने लंबे समय से मांगों की अनदेखी पर रोष जताया। उन्होंने सरकार विरोधी नारे भी लगाया। कार्य बहिष्कार में शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य, युवा कल्याण, कलेक्ट्रट, कोषागार, सहकारिता, जूनियर शिक्षक संगठन, लोनिवि, ग्राम्य विकास विभाग, ग्रामीण निर्माण विभाग, पशु पालन, कृषि, अर्थ एवं सांख्यिकी, पूर्ति विभाग, परिवहन, वाहन चालक संघ, फार्मासिस्ट एसोसिएशन सहित कई विभागों के 259 अधिकारी व कर्मचारी शामिल रहे। विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी किराए भत्तों में वृद्धि करने, कर्मचारियों के वर्तमान में लागू एसीपी का लाभ देने, शिथिलीकरण नियमावली 2010 लागू करने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, समान कार्य समान वेतन लागू करने सहित दस सूत्रीय मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार में शामिल रहे।
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लोहाघाट व टनकपुर में भी कार्य बहिष्कार
लोहाघाट: नगर के विभिन्न कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारियों ने एक दिवसीय कार्य का बहिष्कार किया। लोनिवि, सिचाई, शिक्षा,राजस्व सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने कार्यालयों में अपने कार्यो से विरत रहे। कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई।
टनकपुर : उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वयक समिति के प्रांतीय आह्वान पर 10 सूत्रीय मांगों को लेकर टनकपुर में विभिन्न विभागों के कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे। कर्मचारियों ने कहा कि पिछले लंबे समय से उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। यदि उनकी मांगों पर शीघ्र अमल नही हुआ तो वह उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे। अवकाश पर रहने वालों में विद्युत विभाग, ग्राम्य विकास, संभागीय परिवहन विभाग, सिंचाई विभाग आदि विभागों के कर्मचारी मौजूद रहे। इन कर्मचारियों के अवकाश के कारण कार्य खासा प्रभावित रहा।
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वर्जन
अधिकारी व कर्मचारी सरकारी की नीतियों से त्रस्त हैं। जिस कारण उन्हें यह कदम उठाना पड़ रहा है। सरकार द्वारा न्यायोचित मांगों पर निर्णय न लेने पर चार फरवरी को सभी संगठनों के अधिकारी व कर्मचारी महारैली निकालेंगे।
- जीवन चंद्र ओली, महामंत्री उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति।
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सरकार एस्मा लागू कर कर्मचारियों की एकता को तोड़ने का प्रयास कर रही है। जब एक अपने कुछ समय के चुने गए विधायक व मंत्रियों को पेंशन मिल सकती है तो फिर लंबे समय तक कार्य करने वाले कर्मियों को क्यों नहीं।
- सुरेंद्र सिंह सोहन, अध्यक्ष मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन।
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= वर्जन
अधिकारियों व कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार पर जाना राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन है। जिसके तहत कार्य बहिष्कार पर गए कर्मियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा।
-टीएस मर्तोलिया, प्रभारी डीएम चम्पावत।