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गगन भेदी जय कारों से गुंजायमान हुआ पांच गांव सुई,बीस गांव विशुंग

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : सुई विशुंग के प्रसिद्ध वायुरथ महोत्सव के दौरान रक्षाबंधन के दिन ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 10:51 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 10:51 PM (IST)
गगन भेदी जय कारों से गुंजायमान हुआ पांच गांव सुई,बीस गांव विशुंग

संवाद सहयोगी, लोहाघाट : सुई विशुंग के प्रसिद्ध वायुरथ महोत्सव के दौरान रक्षाबंधन के दिन बिना रस्सों के सहारे उठे मां भगवती के वायु रथ ने पांच गांव सुई व बीस गांव विशुंग की परिक्रमा की। बारिश के बाद भी हजारों श्रद्धालुओं ने देवी रथ के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। इससे पूर्व विधि विधान से सुई के शिव मंदिर प्रांगण में चार द्योली के देव डागरों को पवित्र जल व दूध से स्नान कराया गया। देव डांगरों के हथियारों को भी स्नान कराया गया। रथ के साथ चल रहे देव डांगरों व देवी के गणों ने आधा दर्जन से अधिक स्थानों में दूध तथा अक्षत की गाल खाई।

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रविवार की दोपहर बाद रथ यात्रा आदित्य महादेव मंदिर से शुरू हुई जो पऊ, चनकांडे, डुंगरी होते हुए विशुंग को निकली। पऊ के मस्टा प्रांगण एवं चनकांडे में प्राचीन चौपाड़ी में रथ ने कुछ देर के लिए विश्राम कर देव डांगरों द्वारा श्रद्धालुओं को आशीर्वाद दिया। रथ के आगे भगवती के बेताल तथा पीछे हजारों की संख्या में जयकारे लगाते हुए हर आयु वर्ग के लोग चल रहे थे। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए वातावरण को भक्तिमय बना रही थीं। कोटाल गढ़, द्योला गढ़, विशुंग के टाक आदि स्थानों में भी परम्परा कुछ देर के लिए रथ को विश्राम दिया गया। टाक में पवित्र जल व दूध से स्नान करने के बाद भगवती के अवतार व अन्य देव डांगर चाकबुड़ी पहुंचे तथा न्याय गद्दी लगाकर वायु रोग से पीड़ित लोगों के दुख दर्द को ठीक कर रथ को मां कड़ाई देवी मंदिर ले जाया गया। इससे पूर्व जैसे ही रथ सुई के कोटाल गढ़ पहुंचा यहां के भगवती मंदिर से गुप्त प्योली को विशुंग के मां कड़ाई देवी मंदिर ले जाया गया, जहां मां भगवती व मां कड़ाई देवी का मिलन हुआ। उसके बाद उख्खा कोट में भी देवी ने रानी उख्खा से मिलन किया। रथ में सुई विशुंग के लोगों ने अपने निर्धारित स्थानों से कंधा दिया। रथ में मां भगवती के अवतार के रूप में जगदीश पुजारी सवार थे। रथ के पीछे सहित विभिन्न देव डांगर लोगों को आशीर्वाद देते हुए चल रहे थे।

देर शाम रथ को शिव मंदिर सुई लाया गया। जहां पूजा अर्चना के बाद उसे विसर्जित किया गया। इसी के साथ ही पांच दिनों से चला आ रहा वायुरथ महोत्सव का समापन हो गया। महोत्सव के सफल संचालन में मेला समिति के संरक्षक सचिन जोशी, कै. कालू सिंह करायत,अध्यक्ष श्याम दत्त चौबे, भुवन चौबे, मदन पुजारी, कैलाश पांडेय,प्रकाश खर्कवाल, प्रेम चौबे, सुनील चौबे, मदन पुजारी,हयात सिंह माहरा, गौरव डुंगरिया सहित दर्जनों लोगों ने सहयोग किया।

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देव की अदालत में दर्जनों लोगों की समस्याओं का हुआ निवारण लोहाघाट : वायु रथ महोत्सव में शनिवार की रात्रि देवी जागरण का आयोजन किया गया। जिसमें देव डांगरों ने गद्दी लगाकर देव अदालत के माध्यम में लोगों की विभिन्न बाधाओं व उनकी समस्याओं का निस्तारण किया गया। इस दौरान देव डांगरों ने नि:संतान महिलाओं को आशीर्वाद देकर सौभाग्यवती का वरदान दिया। देव अदालत में डांगरों ने दर्जनों लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निवारण कर उन्हें आशीर्वाद दिया। देवी जागरण में नगर सहित विभिन्न जिलों से लोगों पहुंचे हुए थे।

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संतान के लिए वायु रथ के नीचे से गुजरी महिलाएं

लोहाघाट : बिना रस्सों के सहारे चलने वाले वायु रथ के संबंध में मान्यता है कि जो भी नि:संतान महिला चलते हुए वायु रथ के नीचे से गुजरती है तो उसकी गोद भर जाती है। इसी के चलते रविवार को सैंकड़ों नि:संतान महिलाओं ने रथ के नीचे से गुजर कर मां भगवती व देव डांगरों का आशीर्वाद प्राप्त किया।

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बारिश के बाद भी नही आई श्रद्धालुओं की आस्था में कमी

लोहाघाट: पांच दिनों तक चले वायुरथ महोत्सव के दौरान विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते लोगो ं की भक्ति के प्रति आस्था कम नही हुए। श्रद्धालुओं ने छाता लगा कर भी वायुरथ महोत्सव में देवी रथ के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाए। देर शाम रथ को कंधों के सहारे लोगों ने परिक्रमा कराई।


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