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बारिश न होने से चम्पावत की नदियों का जलस्तर घटा

तीन माह से अधिक समय से बारिश न होना अब सदानीरा नदियों के लिए भी संकट का कारण बन गया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:45 AM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:45 AM (IST)
बारिश न होने से चम्पावत की नदियों का जलस्तर घटा

लोहाघाट, जेएनएन: तीन माह से अधिक समय से बारिश न होना अब सदानीरा नदियों के लिए भी संकट का कारण बन गया है। पाटी विकास खंड की लधिया व रतिया सहित नगर के आसपास की नदियों का पानी अचानक कम हो गया है। इन नदियों में पानी का स्तर कम होना चिंता का कारण माना जा रहा है। नदियों में गिरने वाले छोटे नालों और धारों के सूख जाने से पानी के स्तर में आई गिरावट क्षेत्र में बड़े जल संकट का कारण बन सकता है।

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इन नदियों से दर्जनों गावों के लिए पेयजल योजनाएं बनी हैं साथ ही सिंचाई के लिए भी इन नदियों का पानी उपयोग में लाया जाता है। लोहावती नदी, पाटन पाटनी नदी का जल स्तर कम होने से सुई और चौड़ी लिफ्ट योजना का जल स्तर भी प्रवाहित हो सकता है। अच्छी बारिश का इंतजार जहा किसानों को है वहीं बारिश नहीं होने से नदियों, गधेरों में पानी की कमी होने से सिंचाई नहरें भी प्रभावित होने लगी हैं। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अमित उप्रेती ने बताया कि इस वर्ष औसतन बारिश कम होने के कारण जलस्रोत प्रभावित होने की आशका बनी हुई है। यदि बारिश नहीं होती है तो जलस्तर कम होगा और पानी की दिक्कत हो सकती है। =========== बारिश नहीं हुई तो लिफ्ट योजना हो सकती है प्रभावित लोहाघाट : जल संस्थान के पास नगर के लिए बनी तीन पेयजल लिफ्ट योजनाएं व जल स्त्रोत है। इन योजनाओं से नगर को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। बारिश नहीं होने से वनस्वाड़ पेयजल जलस्रोतों में 40 प्रतिशत पानी की कमी हो गई है। नदी में बनी पंपिंग योजनाएं वर्तमान में सुचारु हैं। बारिश नहीं हुई तो नदियों का जलस्तर में कमी होगी और योजना प्रभावित हो सकती है। ========= बारिश नहीं होने से नदियों का जलस्तर कम हुआ है। अभी पेयजल की कमी नहीं है। क्षतिग्रस्त योजनाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। बारिश की कमी के कारण जलस्रोतों में पानी की कमी हो सकती है। भविष्य में पेयजल संकट होने की आशका बनी हुई है।

- पवन बिष्ट, सहायक अभियंता, जल संस्थान, लोहाघाट


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