..तो सल्ली में होगा सांसद और विधायक के बीच मुकाबला
विनय कुमार शर्मा चम्पावत यूं तो पंचायत चुनाव में सांसद और विधायक का दूर-दूर तक कोई वास्ता
विनय कुमार शर्मा, चम्पावत
यूं तो पंचायत चुनाव में सांसद और विधायक का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं होता, लेकिन मुकाबला उनके समर्थकों और चाहने वालों के बीच का हो तो इसे सीधे उनकी प्रतिष्ठा के साथ जोड़कर देखा जाता है। कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है चम्पावत ब्लॉक की सल्ली क्षेत्र पंचायत सटी पर। जहां सांसद व विधायक के समर्थक गोविंद व कमल एक साथ मैदान में एक सीट के लिए कूद गए हैं। दोनों ने ही प्रचार तेज कर दिया। एक उस क्षेत्र का रहने वाला है तो दूसरा बाहर से आकर चुनाव की तैयारी कर रहा है। इस सीट पर दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है। चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। अब देखना है कि ऊंट किस करवट बैठता है। सांसद व विधायक में किसकी जीत होती है। यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजते ही उम्मीदवार खुलकर सामने आने लग गए हैं। उम्मीदवारों ने सोशल मीडिया से लेकर घर-घर जाकर प्रचार तेज कर दिया। यही नहीं हर उम्मीदवार दूसरे की टांग खींचने में जुट गया है। आरक्षण ने पहले ही कई सूरमाओं को धराशायी कर दिया है लेकिन इस बार पंचायत चुनाव में माहौल काफी गर्माता दिख रहा है। खासतौर पर सल्ली क्षेत्र पंचायत सीट पर जहां। जहां लोग सीधा मुकाबला सांसद व विधायक के बीच देख रहे हैं। आखिर हो भी क्यों न। कारण कि दोनों के समर्थक अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में कूद गए हैं। जी हां अब बात करें कौन-कौन हैं ये सूरमा। सांसद अजय टम्टा समर्थक शक्तिपुरा बुंगा से निर्वतमान जिला पंचायत सदस्य रहे गोविंद सामंत इस बार ब्लॉक प्रमुख की तैयारी कर रहे हैं। वहीं गोविंद सामंत के गांव डुंगरासेटी, ढकना क्षेत्र पंचायत सीट महिला आरक्षित होने के कारण उन्हें बाहर का रूख देखना पड़ा। जिसके बाद उन्हें सल्ली क्षेत्र पंचायत सीट से ज्यादा मुनासिब सीट कोई नहीं दिखी। कारण कि सल्ली गांव सांसद टम्टा का पूर्व में गोद लिया था। जहां सांसद द्वारा कई कार्य कराए गए हैं। जिस कारण सांसद के पीआरओ होने के कारण गोविंद सामंत का गांव में निरंतर आना जाना लगा रहा। बहरहाल सूत्रों की मानें तो क्षेत्र पंचायत का यह चुनाव काफी मजेदार व गर्मा गर्म माहौल में होगा। जीत किसकी होगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
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दोनों रह चुके हैं छात्र संघ नेता
वहीं गोविंद का राजनीतिक अनुभव भी अच्छा है। वह पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रहने के साथ अपनी मां के बीडीसी रहते हुए व उनका भी दायित्व संभाल चुके हैं। वहीं दूसरी ओर क्षेत्रीय विधायक कैलाश गहतोड़ी समर्थक, स्थानीय निवासी व पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कमल रावत सल्ली सीट से बीडीसी की तैयारी कर रहे हैं। जिस कारण गांव व क्षेत्र में चर्चा है कि सल्ली सीट हॉट होने के साथ यहां चुनाव गोविंद व कमल के बीच नहीं बल्कि सांसद व विधायक के बीच है। दोनों ही उम्मीदवार भाजपा से जुड़े हुए हैं। अब देखना यह है कि पार्टी किसे टिकट देती है और कौन निर्दलीय चुनाव लड़ता है। या फिर बैठता है।