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टैक्सी चालकों की हड़ताल से यात्री परेशान

संवाद सहयोगी, चम्पावत : उत्तराखंड टैक्सी यूनियन द्वारा छह मांगों के लिए टैक्सी यूनियन यूनियन चम्पावत न

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 03:56 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 03:56 PM (IST)
टैक्सी चालकों की हड़ताल से यात्री परेशान
टैक्सी चालकों की हड़ताल से यात्री परेशान

संवाद सहयोगी, चम्पावत : उत्तराखंड टैक्सी यूनियन द्वारा छह मांगों के लिए टैक्सी यूनियन यूनियन चम्पावत ने समर्थन देते हुए मंगलवार को टैक्सियों का संचालन बंद रखा। जिससे कई यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। टैक्सियों के न चलने से यात्रियों को घंटों रोडवेज बसों का इंतजार करना पड़ा। टैक्सी यूनियन ने मोटर स्टेशन में नारेबाजी व प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया।

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छह सूत्रीय मांगों के समर्थन में टैक्सी यूनियन कुमाऊं महासंघ उपाध्यक्ष ललित मोहन भट्ट के नेतृत्व में टैक्सी चालकों ने मोटर स्टेशन में नारेबाजी की और टैक्सियों का संचालन बंद किया। गाड़ियों में स्पीड गवर्नर न लगाने, कंपनी बनाते समय स्पीड गवर्नर लगाकर देने, पेट्रोल व डीजल के दामों में लगातार वृद्धि के विरोध में, प्रति वर्ष पुरानी गाड़ियों का इंश्योरेंश बढ़ाने के विरोध में, प्रतिवर्ष सवारी टैक्स बढ़ाने के विरोध में, पर्वतीय क्षेत्रों में ड्राइवर के लिए सीट बैल्ट न लगाने की मांग को लेकर टैक्सी चालकों ने टैक्सी संचालन बंद रखा। टैक्सी संचालन बंद होने से सुबह से ही यात्रियों को कई घंटे इंतजार करना पड़ा। जिसके बाद रोडवेज की बसों से यात्री गंतव्य को गए। टैक्सियों की हड़ताल से टनकपुर, लोहाघाट, रीठा, खटीमा, तामली, खेतीखान, फुलारागांव, नरियालगांव आदि स्थानों को संचालित होने 100 से भी अधिक टैक्सियों का संचालन बंद रहा। टैक्सी चालकों का कहना है यदि सरकार जल्द मांगों को नहीं मानती है तो वे अनिश्चित कालीन टैक्सियों का संचालन बंद करेंगे। प्रदर्शन करने वालों में टैक्सी यूनियन अध्यक्ष गोपाल सिंह भंडारी, कृपाल जोशी, इंद्र नाथ, प्रकाश बिष्ट, सतीश भट्ट, लक्ष्मण तड़ागी, योगेश तिवारी, नारायण सिंह आदि लोग शामिल रहे। होटल ढाबों पर पसरा रहा सन्नाटा

चम्पावत नगर का शांत बाजार टैक्सियों पर डिपेंट है। टैक्सियों की हड़ताल के चलते बाजार के होटल, ढाबे, मिठाई की दुकानों पर सन्नाटा पसरा रहा। कई दुकानों पर भी बोहनी भी नहीं हुई। दिन भी दुकानदार मक्खी मारते रहे। शाम को दुकानदारों को बनाया खाना फेंकना पड़ा।


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