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छात्रों ने जुलूस निकालकर तहसील में किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, टनकपुर : एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन श

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 05:52 PM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 05:52 PM (IST)
छात्रों ने जुलूस निकालकर तहसील में किया प्रदर्शन
छात्रों ने जुलूस निकालकर तहसील में किया प्रदर्शन

संवाद सहयोगी, टनकपुर : एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन शनिवार को भी जा रही रहा। विद्यार्थियों ने जुलूस निकालकर तहसील में जमकर प्रदर्शन किया।

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गौरतलब है कि इंजीनियरिंग कॉलेज में दूर दराज से छात्र पढ़ने आए हैं लेकिन कॉलेज की व्यवस्थाएं ठीक न होने के कारण छात्रों का भविष्य अंधकार में दिख रहा है। छात्रों के अभिभावक इनका भविष्य बनाने के लिए मोटी फीस भी जमा कर रहे हैं मगर इसका कोई लाभ नहीं हो रहा है। व्यवस्थाएं सुधारने के लिए छात्र बीते पांच दिनों से आंदोलनरत है लेकिन शासन प्रशासन के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है। शनिवार को इंजीनियरिंग कॅालेज के आक्रोशित छात्रों ने कॉलेज परिसर से छीनीगोठ, आमबाग से होते हुए नगर के विभिन्न मार्गो में घूमकर तहसील पहुंचे। जहां छात्रों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। छात्रों का कहना था कि कॉलेज स्थापित के बाद से ही तमाम समस्याओं के चलते छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन में भी तमाम अड़चने आ रही है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में शिक्षकों के रिक्त पडे़ पदों को भरे जाने, डायरेक्टर की नियुक्ति किए जाने, कार्यशाला स्थापित किए जाने, परमानेंट शिक्षक की नियुक्ति किए जाने, केनटीन की सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराई जाए। प्रदर्शन करने वालों में निक्की जोशी, शिवानी गुप्ता, पवन मालवाल, रोहित, शोभित, पवन, रितेश, अंकित, किशोर, निकिता, राजेश कुमार, अभय गहतोडी, जगदीश पांडेय, सिमरान अंसारी, आशीष, वंश, आरती, मयंक, अजय अधिकारी, हिमाशुं बिष्ट, प्रतीक मुरारी आदि मौजूद रहे।

क्या बोले छात्र

सिविल के छात्र मयंक देव प्रसाद ने कहा कि कॉलेज खुलने के समय से ही कॉलेज में व्याप्त समस्याओं के निस्तारण के लिए सिर्फ आश्वासन ही मिल पाए है। वही कई छात्र-छात्राएं समस्याओं के चलते अन्य कॉलेजों में दाखिला लेने के लिए विवश हुए है। मैकेनिकल के छात्र राजेश कुमार ने कहा कि कॉलेज में फैकेल्टी की व्यवस्था न होने से उन्हें अध्ययन कार्य में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। साथ ही यहां पुस्तकालय व प्रयोगशाला भी न होने से भी दिक्कतें बढ़ गई है। जबकि डायरेक्टर व प्रवक्ताओं के पद भी लंबे समय से रिक्त पडे़ है। सिविल की छात्रा नेहा ने कहा कि प्रवक्ताओं का शुरू से ही अभाव रहा है। जबकि मौजूदा समय में गेस्ट टीचरों के भरोसे ही कॉलेज का पठन-पाठन चल रहा है। गेस्ट टीचरों की संख्या कम होने से छात्र-छात्राओं को दिक्कते झेलनी पड़ रही हे। सिविल की छात्रा निकिता जोशी ने कहा कि कॉलेज में रिक्त पडे़ पदों के बारे में जानकारी ली जाती है तो वह इस संबंध में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहते है कि यह शासन स्तर का मामला है। कॉलेज में तमाम अव्यवस्थाओं के चलते यह कॉलेज मात्र शो पीस बनकर रह गया है।


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