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गड्ढा मुक्त सड़कें और नियमों की समझ बचा सकती है जिंदगी : डीएम चंपावत

दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत मंगलवार को सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों को जागरूक करने समेत कई मुददो पर चंपावत जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी से हमारे संवाददाता विनय कुमार शर्मा ने बात की।

By vinay sharmaEdited By: Skand ShuklaPublished: Tue, 29 Nov 2022 05:32 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 05:32 PM (IST)
गड्ढा मुक्त सड़कें और नियमों की समझ बचा सकती है जिंदगी : डीएम चंपावत
गड्ढा मुक्त सड़कें और नियमों की समझ बचा सकती है जिंदगी : डीएम चंपावत

चंपावत, जागरण संवाददाता : दैनिक जागरण के सड़क सुरक्षा अभियान के तहत मंगलवार को सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने, लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों को जागरूक करने समेत कई मुददो पर चंपावत जिलाधिकारी नरेंद्र सिंह भंडारी से हमारे संवाददाता विनय कुमार शर्मा ने बात की। जिमसें जिलाधिकारी ने दैनिक जागरण के अभियान की सराहना करते हुए जनपद में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने, जागरूकता फैलाने, सड़क सुरक्षा समिति द्वारा किए जा कार्यों की जानकारी को साझा किया। पेश हैं उनसे बातचीत के प्रमुख अंश...

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सवाल : जिले में हाेने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में जिला प्रशासन की क्या रणनीति है?

जवाब : जनपद में हो रही सड़क दुर्घटना एक गंभीर समस्या है। इस पर नियंत्रण करने के लिए जिले में जिला सड़क सुरक्षा समिति बनी हुई है। जिसकी हर माह मीटिंग होती है। मीटिंग में जो भी सुझाव आते हैं उसमें इनपुट लेते हैं। समिति में रोड, ट्रांसपोर्ट, पुलिस व प्रशासन मेन विभाग हैं। जिसमें मैंने आते ही चार लाख रुपये पुलिस को दिए। जिससे वह मैदानी क्षेत्र में स्पीड के कारण हो रही दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कार्य करने के लिए दिया है। गडढो को भरने के लिए आपदा मद से एक करोड़ रुपये दिए हैं। पुलिस व एआरटीओ लगातार चालान कर रहे हैं। कई रोडों पर अभी क्रश बैरियर नहीं है।

सवाल : सड़क दुर्घटना में ड्राइवर की कहां तक गलती होती है?

जवाब : कई बार देखने में आता है कि ड्राइवर लंबे रूट से चले आ रहे हैं और जल्दी पहुंचने के चक्कर में रास्ते में आराम नहीं करता। थकान की वजह वह गलती कर देते हैं और वाहन का नियंत्रण खोने पर वह दुर्घटना का शिकार होते हैं। कई सार्वजनिक वाहन खस्ताहाल है। मगर लोगों व रोजगार को देखते हुए उन वाहनों पर ढिलाई दी जाती है। फिर भी हम लगातार ऐसे वाहनों का चालान करते हैं। मगर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए हमें चालान बढ़ाने होंगे और रोड ठीक करनी होगी। सार्वजनिक वाहन से हुई दुर्घटनाओं में करीब 21 लाख की धनराशि मुआवजे के तौर पर दे चुके हैं।

सवाल : सड़क दुर्घटना का प्रमुख कारण है कि उन्हें नियमों की जानकारी नहीं है। रोड पर अतिक्रमण है। इसमें जिला प्रशासन क्या कार्यवाही कर रहा है?

जवाब : यह बात सही है कि रोड पर अतिक्रमण खूब है। अतिक्रमण दुकानों का ही नहीं है बल्कि निर्माण सामग्री का भी है। बीते सप्ताह ही मैने चंपावत में निरीक्षण कर करीब 15 हजार रुपये का चालान किया था। हमें इसे हटाने के लिए संयुक्त अभियान चलाना होगा। यह हटाने के साथ ही फिर लग जाता है। अतिक्रमण को लेकर लोगों की सोच खराब है। अगर इसमें सुधार हो तो सड़क दुर्घटना को रोका जा सकता है। प्रशासन द्वारा समय समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है।

सवाल : ग्रामीण सड़कों पर चलने वाले वाहनों और खनन वाहनों में ओवरलोड से सड़क खराब हो रही है। जिससे सड़क दुर्घटनाएं होती है। इसे रोकने के लिए क्या कर रहे हैं?

जवाब : ओवरलोड को रोकने के लिए जगह-जगह बनी चौकियां चेकिंग करती है। पुलिस, आरटीओ व प्रशासन द्वारा जगह-जगह चेकिंग की जाती है। सूचना मिलने पर जांच कर कार्यवाही की जाती है। पांच दिन पूर्व रात्रि में जाकर भी दो डंपरों को सीज किया गया है। इसे और रोकने के लिए चेकिंग और बढ़ाई जाएगी।

सवाल : सड़क दुर्घटना होने में सबसे बड़ी कमी जागरूकता की है तो लोगों में किस तरह जागरूकता फैलाई जा रही है?

जवाब : सड़क सुरक्षा समिति का एक बिंदु जागरूकता भी है। पुलिस, प्रशासन व एआरटीओ लगातार स्कूल, कॉलेजों व कोचिंग संस्थानों में जाकर जागरूकता फैला रहे हैं।

सवाल : कई जगह सड़क दबी होती है। जो वाहन चलाते समय दिखता है। इससे दुर्घटना होने की संभावना ज्यादा रहती है। क्या इसकी शिकायत का कोई नंबर है। जिस पर कॉल कर इसे बताया जाय और सड़क ठीक हो जाय?

जवाब : जो भी ऐसी समस्या है। एनएच में आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त सड़क को केंद्र सरकार से मिले190 करोड़ की लागत से ठीक कराया जा रहा है। गडढा दिखने पर संबंधित विभाग में शिकायत कर सकते हैं। 133 सीआरपीसी के तहत एसडीएम कार्यालय व कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं। अगर गडढा ज्यादा बड़ा है तो उसे भरा जाएगा। बजट की कमी भी सड़क ठीक करने में काफी चुनौतीपूर्ण रहता है। फिर भी हम सभी सड़कों को ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं।

सवाल : सड़क दुर्घटना के समय लोग मदद को आगे नहीं आते हैं। इसमें जिला प्रशासन लोगों को कैसे जागरूक कर रहा है?

जवाब : हम समय-समय पर नुक्कड़ नाटक व गोष्ठी के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। एनजीओ भी स्कूल स्कूल जाकर बड़े बच्चों को जागरूक कर रहे हैं। मदद करने वालों को भी पुलिस प्रशासन व सरकार द्वारा सम्मानित किया जाता है। मदद करने वालों को कभी परेशान नहीं किया जाता है।

सवाल : दैनिक जागरण के इस अभियान को आप किस नजर से देखते हैं?

जवाब : मैं दैनिक जागरण का आभार व्यक्त करना चाहता हूं। जिन्होंने समाज के सबसे संवेदनशील मुददों को उठाकर लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं। मैं लोगों से अपील करूंगा कि वह यातायात नियमों का पालन कर अपने जीवन को बचाएं। हेलमेट को हाथ में न पहनकर सिर पर पहने। सीट बेल्ट जरूर पहने। सड़क दुर्घटना होने पर घायल की जरूर मदद करें।


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