चम्पावत में हवा हवाई हो रही पर्यावरण संरक्षण की बातें, वनों में मिट्टी डंप कर वनस्पतियों को रौंद रहे लोग
पर्यावरण संरक्षण की बातें हवा हवाई हो रही हैं। रोपित पौधों की सुरक्षा करने के बजाए लोग उन्हें नष्ट कर रहे है।
चम्पावत, जेएनएन : पर्यावरण संरक्षण की बातें हवा हवाई हो रही हैं। रोपित पौधों की सुरक्षा करने के बजाए उन्हें मिट्टी डंप कर रौंदा जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण की बातें करने वाले लोगों के साथ जिम्मेदार विभाग मौन हैं। इससे पौधा रोपण अभियान में सरकारी धन खपाने और गोष्ठियों में पर्यावरण संरक्षण की बातें करने वालों की कलई भी खुल गई है। चम्पावत की ललुवापानी रोड और लोहाघाट की
बाराकोट रोड पर भवन निर्माण से निकली मिट्टी फेंकने से पेयजल स्रोत और देवदार के पेड़ों को अत्यधिक नुकसान पहुंच रहा है।
सेलाखोला वन पंचायत की जमीन पर लंबे समय से मिट्टी डंप की जा रही है। वन पंचायत सरपंच कैलाश अधिकारी ने बताया कि सड़क किनारे से लेकर जंगल में जगह-जगह मिट्टी के ढेर जमा हो गए हैं। इससे हरे पेड़ों के साथ पेयजल स्त्रोत क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। बारिश के दौरान मिट्टी बहकर सड़क पर फैलती है, जिससे आवाजाही करने वालों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इधर लोहाघाट के छमनियां व गलचौड़ा के बीच देवदार के जंगल में मिट्टी डंप करने का फैशन बन गया है। मिट्टी से देवदार के सैकड़ों छोटे पौधे दब गए हैं, वहीं बड़े पेड़ भी सूख रहे हैं। स्थानीय निवासी हरीश चंद्र, जगदीश चंद्र, दीप चंद्र, मनोज कुमार ने बताया कि कई बार वन विभाग को इसकी सूचना दे दी है लेकिन मिट्टी डंप करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। चम्पावत के सेलाखोला निवासी खिलानंद जोशी, पूरन बिनवाल, राकेश बिनवाल का कहना है कि हरेला और अन्य पर्वो पर वन विभाग पौधा रोपण की महज खानापूर्ति करता है। विभाग रोपित पौधों की सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी रोष जताया कि पर्यावरण संरक्षण की बातें करने वाले लोग भी ऐन वक्त पर चुप्पी साध लेते हैं।
======== संबंधित रेंजरों को फारेस्ट की भूमि पर मिट्टी डंप करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं। विभाग के वन रक्षक को ऐसे लोगों का चिह्नीकरण कर रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को देंगे।
-एमएम भट्ट, एसडीओ, वन विभाग, चम्पावत