जनपद के 11 न्याय पंचायतों में खुले फॉर्म मशीनरी बैंक
दीपक सिंह बोहरा, चम्पावत : पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि कार्य मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा काफी क
दीपक सिंह बोहरा, चम्पावत :
पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि कार्य मैदानी क्षेत्रों की अपेक्षा काफी कठिन है। लेकिन कृषि कार्य का आसान बनाने के लिए कृषकों की मदद के लिए कृषि विभाग की फॉर्म मशीनरी बैंक योजना काभी लाभकारी सिद्ध हो रही है। इस योजना के तहत प्रत्येक न्याय पंचायत में एक फॉर्म मशीनरी बैंक खुलने हैं अभी तक जिले की 11 न्याय पंचायतों में फॉर्म मशीनरी बैंक खोले जा चुके हैं। जिससे काश्तकारों को लाभ मिल रहा है।
पर्वतीय क्षेत्रों में समाप्त हो रही परंपरागत खेती, खेती में प्रयोग होने वाले पशुओं की संख्या कम होने से काफी कृषि योग्य भूमि का उपयोग नहीं हो पा रहा है। जिसे देखते हुए जनपद के प्रत्येक न्याय पंचायत में एक फॉर्म मशीनरी बैंक की स्थापना की जा रही है। जिसके माध्यम से कृषकों को आधुनिक कृषि यंत्र किराए पर मिल सकेंगे। इसके लिए कृषि विभाग को पहले चरण में दो करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। न्याय पंचायत में मशीनरी बैंक खोलने के लिए न्याय पंचायत से एक समूह का चयन किया जा रहा है। =============
फॉर्म मशीनरी बैंक खोलने के लिए मिलेगा अनुदान
कृषि विभाग द्वारा न्याय पंचायत में फॉर्म मशीनरी बैंक खोलने के लिए समूह को 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। बांकी 20 प्रतिशत समूह को स्वयं से या बैंक ऋण लेकर लगाना होगा। जिससे वे आवश्यक कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। इसके लिए सरकार ने कई कृषि यंत्र निर्माता कंपनियों से अनुबंध भी किया है।
============= इन न्याय पंचायतों में खुल चुके हैं मशीनरी बैंक
जिले के 11 न्याय पंचायत सिप्टी, काडा, दुबड़जैनल, सिमियाउरी, ढ़ोरजा, बाराकोट, रौसाल, भुमलई, चल्थिया, पाटन, बिसंग में फॉर्म मशीनरी बैंक खोले जा चुके हैं। इसके अलावा 14 न्याय पंचायतों का चयन किया जा चुका है।
============ काश्तकारों सहित समूह को भी हो रहा लाभ
फॉर्म मशीनरी बैंक खुलने से कई गांव के ग्रामीणों को तो लाभ हो ही रहा है। साथ ही समूह को भी कृषि यंत्र किराए पर देने से लाभ हो रहा है। न्याय पंचायत सिप्टी, ढ़ोरजा, रौसाल के अधिकांश गांव के लोग मशीनरी का प्रयोग कर रहे हैं।
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प्रत्येक न्याय पंचायत में एक फॉर्म मशीनरी बैंक खोलने का लक्ष्य है। जिसके तहत न्याय पंचायतों को चिंहित कर बैंक खोले जा रहे हैं। इसके बाद इस सुविधा को ग्राम पंचायत स्तर पर भी पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
राजेंद्र उप्रेती, कृषि एवं कृषि संरक्षण अधिकारी।