जल की रही आस, श्रोतों से बुझ रही प्यास
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : यह है बाराकोट विकासखंड..। यहां जल ही जीवन है का नारा फेल ह
संवाद सहयोगी, लोहाघाट : यह है बाराकोट विकासखंड..। यहां जल ही जीवन है का नारा फेल होता नजर आ रहा है। यहां वाशिंदों में पानी भी मुफीद नहीं। अब उनको प्राकृतिक श्रोतों के सहारे प्यास बुझानी पड़ रही है। खास बात यह है कि अब तक कोई पेयजल योजना यहां के लिए सरकारी कागज के सिवाय धरातल पर नहीं उतर सकी। मसलन, अब लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।
एक माह से सलना पेयजल योजना से एक बूंद पानी की नहीं टपकी है। जब से सलना पेयजल योजना से पानी नहीं मिल रहा है तब से गांव में पानी का संकट गहरा गया है। कोई पेयजल योजना नहीं है। ग्रामीण दीपक सिंह, प्रकाश सिंह, प्रदीप सिंह, नारायण सिंह बोहरा कुंदन सिंह, पूरन सिंह, माया देवी, पार्वती देवी, बची देवी,जानकी देवी का कहना है कई बार विभागीय कर्मचारियों से संपर्क किया जा चुका है लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। पानी न आने से ईजड़ा ग्राम सभा जूनियर हाईस्कूल व प्राथमिक विद्यालय की भोजन माता को भी पानी भोजन बनाने में परेशानी हो हो रही है। भोजनमाता मनी देवी, भागीरथी देवी का कहना है पानी के लिए उन्हें दो किमी दूर से सिर में पानी लाना पड़ रहा था। वहीं जूनियर हाईस्कूल नौमाना में पानी के अभाव में शौचालय बंद कर दिए गए थे। गोस्नी व डोबा भागू विद्यालयों के भी यही हाल हैं। जब इस संबंध में जल संस्थान के जिम्मेदार अधिकारियों से संपर्क करना चाहा तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
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लोहाघाट में आक्रोश की आग
लोहाघाट : क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि लगातार जल संस्थान के जेई से संपर्क करने के बाद आज कल आज कल में पानी का आश्वासन दिया जा रहा है। लेकिन अभी तक सुध नही ली। जिसके चलते क्षेत्र के लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।