एंबुलेंस मिली न ओआरएस, मासूम की हुई मौत
चंपावत में समय पर न तो 108 एंबुलेंस मिलने और न ही अस्पताल में ओआरएस जैसे मामूली दवाई मिलने से एक तीन साल के मासूम ने दम तोड़ दिया।
चंपावत, [जेएनएन]: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से आज एक मासूम की मौत हो गई। समय पर उसे न तो 108 एंबुलेंस मिल पाई और न ही अस्पताल में ओआरएस जैसे मामूली दवाई। मासूम ने दम तोड़ दिया। घटना से परिवार के साथ ग्रामीणों में खासा आक्रोश है।
हुआ यूं कि रुद्रपुर निवासी गिरीश शर्मा की तीन वर्षीय पुत्री गौरी कुछ दिन पूर्व स्वाला चंपावत स्थित अपने मामा के यहां अपनी मां रूपा देवी के साथ घूमने आई हुई थी। सोमवार देर शाम उसकी अचानक तबियत खराब हो गई। गौरी को उल्टी दस्त शुरू हो गए।
परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन वह काफी देर तक बिजी आता रहा। जब फोन लगा तो पता चला कि चम्पावत में एंबुलेंस नहीं लोहाघाट से भेजते हैं। घंटों इंतजार के बाद भी एंबुलेंस नहीं आई। परिजन उसे आनन फानन में स्वाला उपकेंद्र में ले गए, जहां फार्मासिस्ट अतुल हेरिस मौजूद मिले, लेकिन वहां कोई डॉक्टर नहीं था। जब परिजनों ने फार्मासिस्ट से दवा देने को कहा तो फार्मासिस्ट ने कहा कि यहां पर कोई दवाई नहीं है।
बच्चों की दवा छोड़िए यहां तो बड़ों की भी दवा नहीं है। मासूम गौरी दर्द से तड़पती रही। परिजन उसे अन्यत्र ले जाने लगा, जहां अस्पताल से निकलते ही मासूम ने दम तोड़ दिया। बच्ची के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग को कोसने के साथ लापरवाही का आरोप लगाने लगे।
यह भी पढ़ें: पांच घंटे देरी से पहुंची एंबुलेंस, चली गई डेढ़ साल के मासूम की जान
यह भी पढ़ें: गैरसैंण में एंबुलेंस के इंतजार में गर्भवती ने दम तोड़ा
यह भी पढ़ें: भाई के शव को कंधे पर उठाकर भटकता रहा युवक, किन्नरों ने की मदद