पहली बार सांकेतिक रूप में होगी देवीधुरा की प्रसिद्ध बग्वाल
लोहाघाट के मां बाराही धाम देवीधुरा में इस बार बग्वाल का आयोजन नहीं होगा। पहली बार बग्वाल सांकेतिक रूप में होगी।
लोहाघाट, जेएनएन : मां बाराही धाम देवीधुरा में इस बार बग्वाल का आयोजन नहीं होगा। न तो मेला लगेगा और न ही सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। रक्षाबंधन के दिन खोलीखांड दुबचौड़ मैदान में परंपरा को जीवित रखने के लिए सांकेतिक बग्वाल खेली जाएगी। यह निर्णय जिला प्रशासन, मंदिर समिति और चार खाम, सात तोकों के प्रतिनिधियों की बैठक में लिया गया।
रविवार को एडीएम टीएस मर्तोलिया की मौजूदगी में मंदिर प्रांगण में आयोजित बैठक में कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इस बार बग्वाल मेले को सांकेतिक रूप से मनाने का निर्णय हुआ। इस दौरान बड़े धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। रक्षाबंधन के दिन बग्वाल से संबंधित पूजा में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए चुनिंदा लोग ही शामिल हो सकेंगे। ग्रामीणों को घरों में मा का प्रसाद भेजा जाएगा। अध्यक्षता करते हुए मंदिर समिति के अध्यक्ष खीम सिंह लमगड़िया तथा संरक्षक लक्ष्मण सिंह लमगड़िया ने अपने सुझाव दिए। अध्यक्ष ने बताया कि एकादशी पूजा में चार खाम के प्रधान पात्र ही भाग ले सकेंगे। तीन अगस्त को रक्षा बंधन के दिन प्रत्येक खाम के अधिकतम दस-दस सदस्य ही साकेतिक बग्वाल और पूजा में शामिल हो सकेंगे। चार अगस्त को मा का डोला मुचकुंद ऋषि आश्रम जाएगा। इस डोले में भी चार से अधिक लोग प्रतिभाग नहीं कर सकेंगे। मंदिर परिसर की सफाई के लिए सफाई कर्मियों की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी। बैठक में एसडीएम शिप्रा जोशी, बालिक खाम के बद्री सिंह बिष्ट, त्रिलोक सिंह, गंगा सिंह, लमगड़िया खाम के वीरेंद्र सिंह, आचार्य कीर्ति बल्लभ जोशी, कोषाध्यक्ष विशन सिंह चम्याल, विनोद गड़कोटी, हयात सिंह, दिनेश कुंजवाल, मदन बोहरा, राजू बिष्ट, ईश्वर बिष्ट, नवीन राणा सहित कई लोग मौजूद रहे।