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पेयजल समस्या से हलकान ग्रामीण

गौरी शंकर पंत, लोहाघाट : बाराकोट विकास खंड के ग्राम सभा ईजड़ा में चालीस दिनों से एक ब

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 10:22 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 10:22 PM (IST)
पेयजल समस्या से हलकान ग्रामीण

गौरी शंकर पंत, लोहाघाट :

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बाराकोट विकास खंड के ग्राम सभा ईजड़ा में चालीस दिनों से एक बूंद पानी न आने से हाहाकार मची हुई है। क्षेत्र के ग्रामीणों को प्राकृतिक जल स्रोतों की शरण लेनी पड़ रही है। एक किमी दूर प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी लाकर दिनचर्या चलानी पड़ रही है। अब तो प्राकृतिक जल स्रोत ने भी जबाब देने लगे है। घंटों इंतजार बाद पीने को पानी नसीब हो रहा है।

क्षेत्र के ग्रामीण गोपाल सिंह, जगदीश सिंह, दीपक सिंह, प्रकाश सिंह, प्रदीप सिंह,नारायण सिंह बोहरा कुंदन सिंह, पूरन सिंह, सीमा देवी,हीरा देवी, पार्वती देवी,जानकी देवी आदि ग्रामीणों का कहना है कि बीते चालीस दिनों से सलना पेयजल योजना से एक बूंद पानी की नही टपकी है। जब से सलना पेयजल योजना से पानी नही मिल रहा है तब से गांव में पानी का संकट गहरा गया है इसके अलावा गांव में कोई पेयजल योजना नही है। ग्रामीणों का कहना है कई बार विभागीय कर्मचारियों से संपर्क किया गया लेकिन विभागीय कर्मचारियों ने ग्रामीणों की समस्या का समाधान करने की जहमत नही समझी। अब प्राकृतिक जल स्रोतों में पेयजल के लिए देर रात तक इंतजार कर पीने के पानी का इंतजाम करना पड़ रहा है। एक ओर ठंड दूसरी ओर प्राकृतिक जल स्रोतों में पानी की बूंदबूंद को एकत्रित करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि 2018 में पानी नही मिल पाया। लेकिन 2019 में आशा की किरण जगी थी लेकिन आशा निराशा में बदल गई है। दूसरी ओर गोस्नी गल्लागांव पेयजल योजना में बीस दिनों से पानी न आने के कारण गल्लागांव के एक गावं के लोगों की दिन चर्या पटरी से उतर गई। क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि लगातार जल संस्थान के जेई से संपर्क करने के बाद आज कल आज कल में पानी का आश्वासन दिया जा रहा है। लेकिन अभी तक सुध नही ली। जिसके चलते क्षेत्र के लोगों में विभाग के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

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ग्रामीण बोले मुख्यमंत्री पोर्टल की शिकायत के बाद भी नही हुआ कार्य

लोहाघाट: क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि पंद्रह दिनों पूर्व मुख्यमंत्री के पोर्टल में पानी की शिकायत भेजी थी। साथ ही जल संस्थान के टाल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई गई थी। फिर भी जल संस्थान के कर्मचारियों के कानों में जू तक नही रैंगी। तब से आज तक कोई कार्रवाई हो पाई। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री पोर्टल भी मजाक बन कर रह गया है। ऐसी दशा में क्षेत्र के लोगों का विश्वास उठता जा रहा है। वर्जन -

सर्दी की वजह से खुली लाइन फट जा रही है। पुरानी लाइन जमीन के अंदर होने के कारण फाल्ट पकड़ में नही आ पा रहा है। कर्मचारी लगे हुए है। शीघ्र सुचास् कर लिया जाएगा। जल संस्थान के कर्मचारी कार्य में जुटे हुए है। - आरके वर्मा सहायक अभियंता जल संस्थान चम्पावत।


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