स्वच्छता सर्वेक्षण में फेल हुआ बनबसा
संवाद सूत्र, बनबसा : स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना के तहत नगर निकाय में हो रहा स्वच्छता सर्वे ब
संवाद सूत्र, बनबसा : स्वच्छ भारत मिशन शहरी योजना के तहत नगर निकाय में हो रहा स्वच्छता सर्वे बुधवार को समाप्त हो गया। पांच दिन चले इस सप्ताह में नगर में जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर व फैली गंदगी से बनबसा नगर पंचायत स्वच्छता सर्वेक्षण में फेल हो गया। यह हम नहीं बल्कि सर्वे के लिए आयी टीम कह रही है। जब इस बावत ईओ से पूछा गया तो उन्होंने भी कर्मचारियों की कमी का रोना रो दिया।
स्वच्छ भारत मिशन शहरी के
तहत केंद्र सरकार ने नगर में स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम ने दस जनवरी से 14 जनवरी तक स्वच्छता सर्वे किया। टीम के वरिष्ठ मूल्यांकनकर्ता सौरभ सक्सेना के नेतृत्व में टीम ने नगर के सभी वार्डो और शौचालयों का स्वच्छता सर्वे किया। सक्सेना ने बताया कि उन्होंने सात वार्डो का स्थलीय निरीक्षण किया। जिसमें वार्ड नंबर 4, 5, 6 कूड़े से पटे हुए हैं। पूरे नगर क्षेत्र में जगह-जगह गंदगी का ढेर लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि नगर में साफ -सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। मीना बाजार स्थित शौचालय के पास भी गंदगी का ढेर लगा हुआ है। उन्होंने बताया की डोर टू डोर भी कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है और नगर की नालिया भी कूड़े और गंदे पानी से चोक हैं। इससे तो साफ है कि नगर स्वच्छता सर्वे में पूरी तरह से फेल रहा। इधर, ईओ राजवीर सिंह राठी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बनबसा नगर पंचायत में अभी स्थाई कर्मचारी नहीं है। ना ही कोई स्थाई पर्यावरण मित्र है। जिन पर्यावरण मित्रों से नगर की सफाई करवाई जा रही उनको शासन की ओर से अभी तक मानदेय नहीं मिल पाया है।
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गंदगी पर तहसीलदार ने काटा चालान तो व्यापारी हुए आक्रोशित
बनबसा : स्वच्छ भारत मिशन के तहत बुधवार को तहसीलदार ने नगर में दुकानों के आगे गंदगी और अतिक्रमण करने पर व्यापारियों के दो-दो हजार के चालान काटे। जिससे व्यापारी आक्रोशित हो उठे। जिससे तहसीलदार और व्यापारियों में तीखी नोकझोंक भी हुई। इस दौरान मौके पर पहुंची नगर पंचायत बोर्ड की सदस्य विमला सजवान ने तहसीलदार से इस तरह से चालान काटने का विरोध भी किया। विमला सजवान का कहना है कि नगर पंचायत द्वारा नगर में किसी भी तरह की कोई सफाई व्यवस्था नहीं की जा रही है। जिससे नगर में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। उन्होंने प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही को व्यापारियों का उत्पीड़न बताया।