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डबल इंजन के बाद भी विकास की रफ्तार धीमी पड़ी

दीपक सिंह बोहरा, चम्पावत क्षेत्र में कई विकास कार्य बजट के कारण अटके हुए हैं। कांग्रेस

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:32 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:32 PM (IST)
डबल इंजन के बाद भी विकास की रफ्तार धीमी पड़ी
डबल इंजन के बाद भी विकास की रफ्तार धीमी पड़ी

दीपक सिंह बोहरा, चम्पावत

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क्षेत्र में कई विकास कार्य बजट के कारण अटके हुए हैं। कांग्रेस सरकार के दौरान भाजपा विकास कार्यो को लेकर हमेशा ही कांग्रेस को कोसती रही। लेकिन हद तो अब है जब भाजपा खुद डबल इंजन से चल रही है। उसके बावजूद भी कई योजनाएं लटकी हुई हैं। विकास के नाम पर सरकार ने नई योजनाएं शुरु की और कुछ राशि अवमुक्त कर कार्य शुरु कराने के बाद चिर निद्रा में सो गई। बजट न मिलने से कार्यदायी संस्थाओं ने अपना कार्य बंद कर दिया। राज्य में सरकार किसी की भी रही हो निर्माण कार्य ऐसे ही होते रहे हैं। कुछ ही ऐसे कार्य होंगे जो समय पर पूर्ण हुए हों। क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने जो भी योजनाएं संचालित की उसका बजट कभी भी समय पर अवमुक्त नहीं हुआ। जिससे होता यह है कि कार्य आगे आने वाले वर्षो में कभी तो पूरा होगा ही पर उसमें जो बजट योजना के प्रारंभ में सुनिश्चित किया जाता है वह बाद के वर्षो में महंगाई के साथ-साथ कई गुना बढ़ जाता है। आलम यह है कि वर्तमान में जनपद में कई ऐसी योजनाएं हैं जो बजट के अभाव में लटकी हुई हैं जिसमें प्रमुख तौर पर उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा कराए जा रहे कार्य हैं। जब जागरण टीम ने इन योजनाओं की पड़ताल की तो हकीकत सामने आ गई। राजीव गांधी नवोदय विद्यालय लोहाघाट

कार्य - राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के भवन, छात्रावास, कर्मचारी आवास, बो¨रग, हैड टैंक आदि का निर्माण हो चुका है विद्यालय चल रहा है लेकिन अभी भी श्रेणी दो के 12, श्रेणी तीन के 0 आवासीय भवन, एकेडमिक ब्लॉक, रोड आदि कार्य शेष है।

प्रारंभ वर्ष - 2004

बजट था - 1538.47 लाख

अवमुक्त हुआ - 788.81 लाख

लाभ - क्षेत्र सहित जिले के अनेक बच्चे नवोदय विद्यालय से लाभांवित हो रहे हैं। शेष बचा हुआ कार्य पूर्ण होने पर और अधिक संख्या में छात्रों को आवासीय सुविधा प्राप्त हो पाएगी। जिला चिकित्सालय आवासीय भवन

कार्य - जिला चिकित्सालय के डॉक्टर व अन्य कर्मियों के लिए आवासीय भवन के तीन ब्लॉकों का निमार्ण कार्य।

प्रारंभ वर्ष - मार्च 2008

बजट था - 401.52 लाख

अवमुक्त हुआ - 180 लाख, जिलाधिकारी द्वारा पचास लाख अनुदान से पूर्ण हुए चार क्वार्टर।

लाभ - जिला चिकित्सालय पास ही बन रहा आवासीय भवन पूर्ण हो जाता तो किराए पर रह रहे चिकित्सालय के कर्मियों को राहत मिलती। साथ ही चिकित्सालय में आपात स्थिति समय पर मौजूद हो पाते चिकित्सक। खुशी राम स्मारक, देवीधूरा

कार्य - बहुद्देशीय हॉल व दुकानों का निमार्ण

प्रारंभ वर्ष - 2015

बजट था - 112 लाख

अवमुक्त हुआ - पांच लाख

लाभ - बहुद्देशीय हॉल व दुकानें बनने से स्थानीय लोग व ग्राम पंचायत को मिलता लाभ। स्टेडियम छमनिया, लोहाघाट

कार्य - स्टेडियम कार्य में मैदान का समतलीकरण, चाहर दीवारी, बहुद्देशीय हॉल का निर्माण।

प्रारंभ वर्ष - अगस्त 2015

बजट - 1092 लाख

अवमुक्त - प्रारंभ में ढ़ाई करोड, सितम्बर 2017 में 175 लाख

लाभ - जिससे स्थानीय खिलाडि़यों की प्रतिभा निखारने व उन्हें आगे बढ़ने में मदद मिलती। आइटीआइ चम्पावत

कार्य - आइटीआइ भवन का निर्माण

प्रारंभ वर्ष - अक्टूबर 2015

बजट - 177.22 लाख

अवमुक्त - 113 लाख, अप्रैल 2018 में 50 लाख

लाभ - क्षेत्र के हाई स्कूल व इंटर के बाद युवा विद्यार्थी प्राप्त कर सकेंगे कई ट्रेडों में व्यवसायिक शिक्षा। आइटीआइ दिगालीचौड़

कार्य - आइटीआइ भवन का निर्माण

प्रारंभ वर्ष - जनवरी 2016

बजट - 488.99 लाख

अवमुक्त - 193 लाख

लाभ - क्षेत्र के हाई स्कूल व इंटर के बाद युवा विद्यार्थी प्राप्त कर सकेंगे कई ट्रेडों में व्यवसायिक शिक्षा। आइटीआइ मंच

कार्य - तल्लादेश के मंच क्षेत्र में आइटीआइ भवन का निर्माण।

प्रारंभ वर्ष - फरवरी 2016

बजट - 195.47 लाख

अवमुक्त - 118 लाख, अप्रैल 2018 में 50 लाख

लाभ - तल्लादेश क्षेत्र में आईटीआई बनने से बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिलने के साथ - साथ क्षेत्र का भी विकास होता। राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी

कार्य - डिग्री कालेज भवन निर्माण

प्रारंभ वर्ष - जुलाई 2017

बजट - 493 लाख

अवमुक्त - 50 लाख

लाभ - अमोड़ी में डिग्री कालेज बन जाने से आस पास के ग्राम सभा के सैकड़ों छात्र-छात्राओं को इंटर के बाद शिक्षा प्राप्त करने के लिए चम्पावत या टनकपुर नहीं भागना पड़ेगा। वर्जन -

सरकार द्वारा समय पर बजट अवमुक्त न होने से कई कार्य लटके हुए हैं। योजनाओं में बजट के लिए कई बार पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन योजनाओं के लिए बजट न मिलने से प्रत्येक वर्ष महंगाई के साथ-साथ निर्माण लागत भी बढ़ती चली जा रही है। - संजय चौधरी, प्रोजेक्ट मैनेजर, उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड


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