मशीन के लिए दस लाख का बजट स्वीकृत
जागरण संवाददाता, चम्पावत : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी इस कदर है कि एक ही म
जागरण संवाददाता, चम्पावत : स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की कारगुजारी इस कदर है कि एक ही मशीन खरीदने के लिए जगह-जगह डिमांड की जा रही है। एक डिमांड पर मशीन मिल गई तो दूसरी जगह डिमांड पर बजट। बजट भी वहां मिला जहां आज तक कर्मचारियों व डॉक्टरों के पद सृजित नहीं हो पाए। ऐसे में अब विभाग इस बजट को जिला अस्पताल में ओटी के उपकरण खरीदने में खर्च करने जा रहा है। इस बावत सीएमओ ने डीएम को पत्र लिखा है।
बता दें कि टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय में करोड़ों रुपयों की लागत से बना ट्रामा सेंटर सफेद हाथी बना हुआ है। जहां आज तक कर्मचारी व डॉक्टर के पद सृजित नहीं हो सके। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने ट्रामा सेंटर में सी-एआरएम मशीन लगाने के लिए महानिदेशक स्वास्थ्य व बीएडीपी (बॉर्डर एरिया डवलपमेंट प्रोग्राम) के तहत 10 लाख की डिमांड की। इस पर महानिदेशक ने सी-एआरएम मशीन खरीद कर अस्पताल में भिजवा दी। जो टनकपुर अस्पताल में लग गई। वहीं अब बीएडीपी योजना के तहत भी दस लाख रुपये सी-एआरएम मशीन के लिए मिल गए। गत वर्ष वित्तीय वर्ष की समाप्ति होने पर सीएमओ ने यह बजट वापस कर दिया। जो इस बार मिल गया। अब इस बजट को एक ही मद में दोबारा खर्च करने के लिए विभाग चितिंत दिख रहा है। इधर, जिला अस्पताल में सर्जन व एनेस्थेटिक्स की तैनाती होने के बाद डॉक्टरों ने ओटी को सुसज्जित करने की मांग की। इस बावत सीएमएस ने डीएम व स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा। अब स्वास्थ्य विभाग इस मद से जिला अस्पताल में ओटी उपकरण खरीदने की तैयारी कर रहा है। जिस बावत सीएमओ ने डीएम को पत्र लिखकर इसकी अनुमति मांगी है। ट्रामा सेंटर बने सफेद हाथी
सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत उपचार न मिलने से होने वाली मौतों को देखते हुए सालों पूर्व सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर लोहाघाट व टनकपुर में ट्रामा सेंटर बनाए, लेकिन आज तक सरकार इन जगह कर्मचारियों व डॉक्टरों की तैनाती नहीं कर पाई। जो आज सफेद हाथी बने हुए हैं। वर्जन-
टनकपुर ट्रामा सेंटर में सी-एआरएम मशीन लगाने के लिए बीएडीपी से दस लाख मिले हैं, जबकि टनकपुर अस्पताल में पूर्व में ही सी-एआरएम मशीन लग गई है। ट्रामा सेंटर में अभी स्टॉफ नहीं है तो मशीन का क्या होगा। इसलिए इस बजट से जिला अस्पताल में ओटी उपकरण खरीदने में इस बजट का उपयोग किया जाएगा। इस बावत डीएम व महानिदेशक को पत्र लिखा जाएगा। = डॉ. आरपी खंडूरी, सीएमओ