छह माह बाद लोहाघाट डिपो से दिल्ली रूट के लिए 11 यात्रियों ने किया सफर
छह माह बाद अंतरराज्यीय सीमाएं खुलने के बाद लोहाघाट डिपो से 11 यात्रियों ने दिल्ली रूट के लिए यात्रा की।
लोहाघाट, जेएनएन : छह माह बाद अंतरराज्यीय सीमाएं खुलने के बाद लोहाघाट डिपो ने मंगलवार को दो बसों का संचालन दिल्ली के लिए किया। बुधवार को पहली बस में 11 यात्रियों ने सफर किया। बसों को पूरी तरह सैनिटाइज किया गया। बिना मास्क यात्रियों को बसों में अनुमति नहीं दी गई।
लाकडाउन के बाद से अब तक उत्तराखंड परिवहन निगम के महत्वपूर्ण लोहाघाट डिपो से वर्तमान में सिर्फ चार बसें ही संचालित की जा रही हैं। शासन की ओर से अंतरराज्यीय परिवहन की अनुमति मिलने के बाद डिपो प्रशासन ने दिल्ली रूट में दो बसों का संचालन किया। पहले दिन पहली बस में पांच यात्री दिल्ली और चार यात्री टनकपुर व दो यात्रियों ने खूना बोहरा तक सफर किया। दूसरी बस के संचालन यात्रियों के न होने से संशय बना हुआ था। स्टेशन इंचार्ज भुवन आर्या ने बताया कि डिपो से दिल्ली बॉर्डर के लिए पहली बस 12:30 बजे दूसरी बस का संचालन 2:30 बजे संचालित किया। इससे पूर्व दो बसें लगातार यात्रियों को लेकर हल्द्वानी और नैनीताल जा रही है। दिल्ली के लिए पहली बस में वाहन चालक गुरुचरन और परिचालक कैलाश कुमार यात्रियों को लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए। सुबह आठ बजे छमनियां चौड़ डिपो कार्यशाला से फोरमैन दीपक ज्याला ने दोनों बसों की धुलाई और सैनिटाइज ्रकरवा कर स्टेशन भेजा गया। इस दौरान पूरन राम, राकेश, धमेंद्र कुमार आदि लोग शामिल रहे। ======== टनकपुर से दिल्ली के लिए नहीं मिला कोई भी यात्री
संवाद सहयोगी, टनकपुर : छह माह बाद शुरू हुई रोडवेज की अंतर्राज्यीय बस सेवा पहले दिन फ्लॉफ रही। टनकपुर से दिल्ली के लिए चली एक मात्र बस में राजधानी के लिए कोई भी यात्री नहीं मिल पाया। यात्री न मिलने से प्रस्तावित चार अन्य बसों की सेवा स्थगित करनी पड़ी। एआरएम केएस राणा ने बताया कि पहले दिन दिल्ली के लिए पांच बसें चलाने का प्रस्ताव था, लेकिन यात्रियों के न मिलने से इनमें से चार बसों को रोकना पड़ा, जबकि एक बस को सात लोकल यात्रियों के साथ रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि शाम को देहरादून के लिए प्रस्तावित बस भी यात्रियों के न मिलने से रवाना नहीं हो सकी। शुक्रवार की सुबह दिल्ली के लिए तीन और शाम दो बसें भेजने का कार्यक्रम प्रस्तावित है।