Move to Jagran APP

11 वन पंचायतों में मियावाकी विधि से तैयार होगा जंगल

विनय कुमार शर्मा, चम्पावत पेड़ों का कटान कर कंकरीट का जंगल तैयार किया है। जिस कारण मौ

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 10:42 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 10:42 PM (IST)
11 वन पंचायतों में मियावाकी विधि से तैयार होगा जंगल

विनय कुमार शर्मा, चम्पावत

loksabha election banner

पेड़ों का कटान कर कंकरीट का जंगल तैयार किया है। जिस कारण मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है। वन विभाग भी निर्धारित स्पसीज के पौधे लगाकर जंगल उगा रहा है मगर गौड़ी में जापान की प्रसिद्ध मियावाकी विधि से तैयार किए जा रहे प्राकृतिक जंगल की प्रक्रिया सफल होने के बाद अब प्रशासन व अलाप संस्था दूसरे फेज में 11 वन पंचायतों में प्राकृतिक जंगल तैयार करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम करने जा रही है। इसके लिए बकायता वन पंचायतों को मनरेगा के तहत बजट देकर वन पंचायतों को कार्यदायी संस्था बनाया जाएगा। शुक्रवार को इसी के तहत अलाप संस्था ने वन पंचायतों के सरपंचों के साथ वार्ता कर उन्हें मियावाकी विधि के बारे में बताते हुए जागरूक किया।

जंगलों की बदलती परिभाषा को देखते हुए पूर्व डीएम डॉ. अहमद इकबाल व सीडीओ एसएस बिष्ट के प्रयासों के चलते प्रशासन ने अलाप संस्था के साथ मिलकर गौड़ी पूल्ड गोल्फ ग्राउंड में जापान की मियावाकी विधि से जंगल तैयार करने का निर्णय लिया। जिसमें विगत दो माह पूर्व वृहद पौधारोपण भी किया। जो काफी हद तक सफल रहा। अलाप संस्था वर्तमान में बागेश्वर, अल्मोड़ा व नैनीताल में काम कर रही है। इसमें सफल होने के बाद वह प्रशासन के साथ मिलकर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 11 वन पंचायतों में मियावाकी विधि का प्रयोग कर जंगल तैयार करने की योजना तैयार की जा रही है। अलाप संस्थापक शिवा सेन ने बताया कि गौड़ी में प्राकृतिक जंगल तैयार किए जाने के बाद अब वन पंचायतों में काम किया जाएगा। इसके लिए अभी कम्यूनिटी वर्क किया जा रहा है। वन सरपंचों को जागरूक किया जा रहा है। जिससे जुलाई में पौधरोपण किया जा सके। इसके लिए प्रशासन द्वारा भी सहयोग किया जा रहा है। मनरेगा से मिलेगा सहयोग

सीडीओ एसएस बिष्ट ने बताया कि वन पंचायतों में प्राकृतिक जंगल तैयार करने के लिए मनरेगा से बजट दिया जाएगा। जिसमें कार्यदायी संस्था स्वयं वन पंचायत होगी। इस बजट से वन पंचायत में जल संरक्षण, जल संवर्धन व तालाब बनाने का कार्य किया जाएगा। इन वन पंचायतों का हुआ पंचायत

पायलट प्रोजेक्ट के तहत अलाप ने लफड़ा, सिप्टी, द्योगली, जयगांव जयतोली, सिमलख, पैंडुसेरा, कुनाली, नंदकोली, मुडियानी, अमोन, चैकुनीबोरा वन पंचायत को शामिल किया है। यहां तैयार की जाएगी नर्सरी

अलाप की शिवा ने बताया कि वन पंचायतों में पौधरोपण के लिए तीन वन पंचायतों में नर्सरी बनाई जाएगी। जिससे बाहर से पौधे न खरीदने पड़े। इसमें सिप्टी, खुनारी व मुडियानी वन पंचायत को नर्सरी बनाने के लिए चयनित किया गया है। वन सरपंचों ने सीडीओ को सौंपा ज्ञापन

अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर वन सरपंचों ने सीडीओ को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने वन पंचायतों के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने, वन विकास योजनाएं बनाते समय वन पंचायतों को प्राथमिकता देने, मनरेगा के लिए वन पंचायतों को कार्यदायी संस्था बनाने, सीमांकन, सरपंच को मानदेय दिलाने समेत कई मांग रखी। वन पंचायतों की मांगों को पूरा करने का सीडीओ ने आश्वासन दिया। ज्ञापन देने वालों में दान सिंह कठायत, राजेंद्र सिंह भंडारी, डुंगर देव, ललित सिंह आदि शामिल रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.