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विभाग ने फेरा मुंह, ग्रामीण कर रहे श्रमदान

बारिश के बाद क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के लिए जब चार दिन से विभाग आगे नहीं आया तो ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क से मलबा हटाने व क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का कार्य श्रमदान से शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Jun 2021 10:38 PM (IST)Updated: Sun, 20 Jun 2021 10:38 PM (IST)
विभाग ने फेरा मुंह, ग्रामीण कर रहे श्रमदान

संवाद सहयोगी, पोखरी: बारिश के बाद क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत के लिए जब चार दिन से विभाग आगे नहीं आया तो ग्रामीणों ने स्वयं ही सड़क से मलबा हटाने व क्षतिग्रस्त सड़क की मरम्मत का कार्य श्रमदान से शुरू कर दिया है। बारिश के दौरान भी गोदी गिवाला के ग्रामीण इस कार्य में जुट हुए हैं।

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पोखरी विकासखंड का गोदी-गिवाला गांव आज भी अधूरी सड़क का दंश झेल रहा है। अधूरी सड़क के निर्माण से 300 से अधिक जनसंख्या वाले इस गांव को यातायात की सुविधा तो नहीं मिली। परंतु जिस सड़क का निर्माण किया भी गया उससे ग्रामीणों की काश्तकारी भूमि, गोशालाएं व भवन जरूर तबाह हुए हैं। डेढ़ दशक पूर्व कनकचौंरी से पोगठा, गोदी-गिवाला, रौता तक आठ किमी सड़क की मांग के साथ ही ग्रामीणों ने लगातार आंदोलन भी किए। नतीजतन सरकार ने पीएमजीएसवाइ के तहत चार किलोमीटर सड़क की स्वीकृति दी। पीएमजेएसवाइ ने कनकचौंरी से पोगठा तक चार किलोमीटर सड़क की कटिग भी की। उसके बाद दो किमी सड़क के सुधारीकरण व डामरीकरण के लिए धनराशि स्वीकृत हुई, लेकिन डामरीकरण को लेकर विभाग लंबे समय तक मौन रहा। इसको लेकर ग्रामीणों ने बीते दिनों पोखरी-रुद्रप्रयाग सड़क के कनकचौरी में चक्काजाम भी किया। उसके बाद विभाग हरकत में आया और दो किलोमीटर सड़क का डामरीकरण किया। मगर यहां से आगे डामरीकरण न होने से सड़क की स्थिति दयनीय बनी हुई है। यहां से आगे राज्य सेक्टर के तहत गोदी गिवाला व रौता गांव के लिए दो किमी सड़क की अतिरिक्त स्वीकृति के बाद लोक निर्माण विभाग को कार्य की जिम्मेदारी सौंपी गई। ग्रामीणों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग के घटिया निर्माण व लेट लतीफी के कारण आज तक इन गांवों को सड़क सुविधा का लाभ तो नहीं मिला पर निर्माण के दौरान जल स्त्रोत, पैदल रास्ते, खेतो व मकान-गोशालाओं को अवश्य नुकसान हुआ है। अब बारिश के दौरान सड़क पर मलबा आ गया है। पुश्ते टूट गए हैं। शिकायत के बाद भी जब विभाग सड़क से मलबा हटाने नहीं पहुंचा तो ग्रामीण खुद ही पुश्तों का निर्माण कर सड़क से मलबा हटाने में जुट गए हैं। ग्रामीण संतोष सिंह, नीरज सिंह, विपिन सिंह, रोहित सिंह कहते हैं कि अब भगवान भरोसे ही उन्हें यातायात सुविधा का लाभ मिल पाएगा। लोनिवि पोखरी के सहायक अभियन्ता कृष्ण कुमार ने कहा कि दैवीय आपदा के कारण सड़क क्षतिग्रस्त हुई है। सड़क को खोलने के प्रयास समय-समय पर किए जाते रहे हैं। क्षति का आगणन शासन को भेजा गया है।


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