Chamoli News: टाटा सूमो दुर्घटना ने खड़े किए सवाल, अधूरी सड़क पर दो साल से सरपट दौड़ रहे हैं वाहन
Chamoli News चमोली जनपद के जोशमठ ब्लाक में बीते रोज हुई टाटा सूमो दुर्घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अधूरी पड़े हेलंग-उर्गम-किमाणा मोटर मार्ग पर दो साल से कैसे वाहन सरपट दौड़ रहे हैं।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली ): हेलंग-उर्गम-किमाणा मोटर मार्ग पर हुई टाटा सूमो दुर्घटना ने एक बार फिर तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब सड़क का निर्माण ही पूरा नहीं हुआ था और तकनीकी रूप से पास नहीं था तो कैसे दो साल से इस पर सरपट वाहन दौड़ रहे थे। प्रथम दृष्टया हादसे का कारण ओवरलोडिंग और अधूरी सड़क को बताया जा रहा है।
सड़क सुविधा से महरूम था डुमक-कलगोठ क्षेत्र
चमोली जिले के जोशीमठ विकासखंड का डुमक-कलगोठ क्षेत्र लंबे समय से सड़क सुविधा से महरूम था। लगभग दो दशकों से स्वीकृत सड़क पर पहले वन अधिनियम और बाद में ठेकेदार के विवाद के चलते सड़क निर्माण नहीं हो पाया।
- 2016 में विवाद सुलझने के बाद पीएमजीएसवाई पोखरी डिविजन ने सड़क निर्माण में तेजी दिखाई। वर्तमान में 20 किमी से अधिक स्वीकृत सड़क पर उर्गम से 12 किमी आगे किमाणा तक वाहनों की आवाजाही हो रही है।
वाहनों के संचालन की स्वीकृति नहीं मिली
सड़क निर्माण में लगे ठेकेदारों के बड़े-छोटे वाहनों के साथ सड़क पर स्थानीय ग्रामीणों के वाहन भी सरपट दौड रहे हैं। सड़क निर्माण कार्य चालू होने के चलते अभी सड़क को परिवहन विभाग व प्रशासन की ओर से वाहनों के संचालन की स्वीकृति नहीं मिली थी।
न तो डामरीकरण हुआ है, न ही पुश्ते बने
नियमानुसार प्रशासन व परिवहन विभाग, निर्माण एजेंसी के संयुक्त निरीक्षण के बाद एआरटीओ की ओर से आरटीओ को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर की ओर से नवनिर्मित सड़क को आवाजाही के लिए स्वीकृति दी जाती है। लेकिन, इस सड़क पर उर्गम से 12 किमी क्षेत्र में न तो डामरीकरण हुआ है, न ही पुश्ते समेत अन्य जरूरी कार्य पूरे हुए हैं।
एआरटीओ ज्योतिशंकर मिश्रा ने बताया कि यह सड़क अभी परिवहन नियमों के अनुसार पास नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन के अभी दस्तावेज पूर्ण हैं।चालक के लाइसेंस को लेकर दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
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