तस्कर सक्रिय, निशाने पर वन्यजीव
संवाद सहयोगी गोपेश्वर चमोली जिले में हो रही बर्फबारी से न केवल मानव जीवन प्रभावित हुआ है
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली जिले में हो रही बर्फबारी से न केवल मानव जीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि वन्य प्राणियों की जान भी बर्फबारी के बाद खतरे में पड़ गई है। दरअसल, उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित दुर्लभ व वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास बर्फबारी से ढकने के बाद वह निचले इलाकों की ओर पहुंच रहे हैं। जहां पहले से इनका शिकार करने के लिए तस्कर डटे हुए हैं। हालांकि, वन महकमा वन्य प्राणियों की हरसंभव सुरक्षा के दावे कर रहा है।
चमोली जिले में नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क, फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क व केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग दुर्लभ वन्य प्राणियों के प्राकृतिक आवास के लिए जाना जाता है। इन इलाकों में दुर्लभ कस्तूरी मृग, काला भालू, स्नो लेपर्ड के अलावा दुर्लभ प्रजाति के वन्य प्राणियों का प्राकृतिक वास है। प्रत्येक साल वन्य जीव तस्करों की इन इलाकों में सक्रियता की ही वजह है कि कस्तूरी मृगों की संख्या में अचानक गिरावट देखी गई है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क का अधिकतर क्षेत्र भारत तिब्बत चीन सीमा से लगे गांवों से सटा हुआ है। इस समय सीमांत गांवों में निवास करने वाले भोटिया जनजाति के लोग निचले इलाकों में पहुंच चुके हैं। ऐसे में खासकर चमोली जिले में मजदूरी, पल्लेदारी के लिए पहुंचे नेपाली मूल के तस्करों ने सुनसान पड़े इन गांवों व गांवों से लगे जंगलों में डेरा डालकर वन्य जीवों का शिकार किया जाता रहा है। इस समय वन्य जीवों के प्राकृतिक वास में बर्फबारी के बाद ये वन्य जीव उच्च हिमालयी क्षेत्रों निचले स्थानों पर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि नेपाली तस्कर फंदे से फांसी लगाकर इनका शिकार करते हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के द्रोणागिरी व मलारी-नीती क्षेत्र के ग्रामीणों के मुताबिक हाल ही में इस क्षेत्र में कुछ नेपाली तस्करों की सक्रियता देखी गई है। ग्रामीणों ने बताया कि ये तस्कर मजदूरी के नाम पर कुछ समय पहले यहां पहुंचे थे। तब इन तस्करों ने दुर्लभ कस्तूरी मृग व काला भालू के आवास देखे। अब जबकि गांव सुनसान हो गए हैं तो तस्कर यहां सक्रिय हो गए हैं। बर्फबारी से इन वन्य प्राणियों की जान भी खतरे में पड़ गई है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के प्रभागीय वनाधिकारी नंदबल्लभ शर्मा का कहना है कि वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए वन विभाग मुस्तैद है। लंबी दूरी की गश्त के साथ ही कैमरों की मदद से निगरानी की जा रही है।