Move to Jagran APP

व्यवसायी ने पंखे से लटककर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा ये

चमोली जिले के गोपेश्वर में एक व्यवसायी ने पंखे से लटककर जान दे दी। साथ ही सुसाइड नोट में लिखा कि उसकी मौत के लिए किसी को जिम्मेदार न माना जाए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 07:32 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 07:32 PM (IST)
व्यवसायी ने पंखे से लटककर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा ये

गोपेश्वर, [जेएनएन]: गोपेश्वर में मिठाई व्यवसायी ने दुकान के अंदर पंखे से लटककर जान दे दी। उसने सुसाइड नोट लिखकर मौत के लिए किसी को परेशान न करने की बात कहते हुए व्यापारियों से परिवार की मदद करने की अपील की है।

loksabha election banner

मंदिर मार्ग पर 46 वर्षीय उदय सिंह चौहान पुत्र कुंवर सिंह चौहान निवासी सनक्याकी थाना घनसाली, टिहरी दो दशक से मिठाई की दुकान व रेस्टोरेंट चलाता था। उदय हर रोज सुबह दुकान खोल देता था। हर रोज की तरह दूध विक्रेता दुकान में दूध देने आया। इस दौरान खटखटाने के बाद भी जब अंदर से शटर नहीं खुला तो दूध विक्रेता ने खुद ही शटर उठा दिया। अंदर का नजारा देख उसके होश उड़ गए।

अंदर पंखे से व्यापारी का शव लटक रहा था। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। वहीं, घटनास्थल पर व्यापारियों की भीड़ लग गई। थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह नेगी ने मौके पर जाकर शव का पंचनामा भर जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। पुलिस के अनुसार मौके पर सुसाइड नोट मिला है। इसमें लिखा है 'मैं परेशान हूं। मेरी मौत के लिए किसी को परेशान न किया जाए। व्यापारियों से निवेदन है कि मेरी पत्नी की मदद करें।' पुलिस का कहना है कि व्यापारी की मौत को लेकर सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। मृतक के परिजनों को सूचना दी गई है।

यह भी पढ़ें: पहले पत्नी-बेटी को उतारा मौत के घाट फिर फांसी लगाकर दी जान

यह भी पढ़ें: परिजनों संग खाना खाकर सोया 12वीं का छात्र, सुबह पंखे से लटका मिला शव

यह भी पढ़ें: बड़े भार्इ ने नशा करने से किया मना, छोटे भार्इ ने खुद को मारी गोली


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.