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हिमनद हैं जल भंडारण के बचत खाते: डोभाल

संवाद सहयोगी गोपेश्वर हिमनद विशेषज्ञ डॉ.डीपी डोभाल ने कहा कि हिमनद जल भंडारण के बचत

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 06:51 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 06:51 PM (IST)
हिमनद हैं जल भंडारण के बचत खाते: डोभाल
हिमनद हैं जल भंडारण के बचत खाते: डोभाल

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: हिमनद विशेषज्ञ डॉ. डीपी डोभाल ने कहा कि हिमनद जल भंडारण के बचत खाते हैं। इसलिए हिमनदों को बचाने के लिए सभी लोगों को आगे आने की आवश्यकता है।

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तकनीकी संस्थान कोठियालसैंण में चंडी प्रसाद भट्ट पर्यावरण एवं विकास केंद्र के तत्वावधान में आयोजित स्व.चिरंजी लाल भट्ट पर्यावरण स्मृति कार्यक्रम के तहत हिमालय के हिमनद संसाधन और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव विषय पर आयोजित व्याख्यान में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रसिद्ध हिमनद विशेषज्ञ डॉ.डीपी डोभाल ने छात्रों को हिमनदों के बारे में पावर प्वाइंट के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र में 968 हिमनद हैं। हमारी प्रमुख नदियों अलकनंदा, भागीरथी सहित 51 नदियों के उद्गम के प्रमुख स्रोत हैं। इनमें अलकनंदा के उद्गम क्षेत्र में 407, भागीरथी के उद्गम क्षेत्र में 238 तथा यमुना के उद्गम क्षेत्र में 58 हिमनद है। जो हमारी जलापूर्ति के साथ साथ स्थानीय मौसम व तापमान को प्रभावित करते हैं। वर्तमान संदर्भ में देखा जाए तो जलवायु परिवर्तन का इन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह ने छात्रों को कर्मशील तथा संस्थान के निदेशक शिशिर मेहर ने पर्यावरण के क्षेत्र में शोध हेतु आगे आने का आवाह्न किया। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण संस्थान एवं विकास केंद्र द्वारा डॉ. डोभाल को शाल ओढ़ाकर तथा प्रतीक चिह्न देकर तथा शांति प्रसाद भट्ट एवं क्रांति भट्ट को भी प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। संस्थान में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान केंद्र के प्रबंध न्यासी ओम प्रकाश भट्ट, मुरारी लाल, भूगर्भ विद डॉ.अरविद भट्ट, मंगला कोठियाल, राकेश पंत, भरत सिंह, सुरेंद्र सिंह, विजय सती, अंकित रावत, दरबान सिंह, पुष्पेंद्र झिक्वांण तथा संस्थान के शिक्षकों सहित कई लोग एवं छात्र उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के शिक्षक अमित गैरोला ने किया।


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