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सनातन संस्कृति के संरक्षण में संस्कृत अहम

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : राबाइंका गौचर में उत्तराखंड-संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित दो ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 10:37 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 10:37 PM (IST)
सनातन संस्कृति के संरक्षण में संस्कृत अहम
सनातन संस्कृति के संरक्षण में संस्कृत अहम

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग : राबाइंका गौचर में उत्तराखंड-संस्कृत अकादमी की ओर से आयोजित दो दिवसीय खंडस्तरीय संस्कृत प्रतियोगिता का सरस्वती वंदना के साथ शुभारंभ हुआ। इस मौके पर प्रतियोगिता के खंड संयोजक बालकृष्ण उपाध्याय ने बताया कि संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए उत्तराखंड संस्कृत अकादमी प्रयास कर रही है।

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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लक्ष्मी प्रसाद सेमवाल, अध्यक्ष सत्य प्रसाद खंडूड़ी ने कहा कि बदलते परिवेश में भले ही विज्ञान का बोलबाला हो। लेकिन सनातन संस्कृति, वेद, पुराण, उपनिषद् व हमारे ग्रंथ आज भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कम नहीं है। खंड शिक्षाधिकारी यूसी कैलखुरा ने कहा कि संस्कृत भाषा का महत्व वर्तमान परिस्थितियों में कम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में पारंगत लोग देश-दुनिया में नाम कमा रहे हैं।

गौचर राबाइंका में छह व सात सितंबर को होने वाली संस्कृत प्रतियोगिता मेंनाटक, समूहगान, समूह-नृत्य के आयोजन के साथ वाद-विवाद, आशु भाषण व श्लोक उच्चारण की प्रतियोगिताओं का आयोजन रखा गया है। प्रथम दिवस आयोजित प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग में राबाइंका कर्णप्रयाग प्रथम, राइंका जाख द्वितीय व राबाइंका गौचर तृतीय रहे। इस मौके पर अनिल नेगी, इंदु पंवार सहित विद्यालय शिक्षक व जनप्रतिनिधि मौजूद थे। फोटो : कार्यक्रम के दौरान सरस्वती वंदना प्रस्तुत करती विद्यालय की छात्राएं


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