सकंड के वाशिंदों को सड़क का इंतजार
संवाद सूत्र, गौचर : तहसील कर्णप्रयाग अंर्तगत रानीगढ़ पट्टी के सकंड गांव के ग्रामीणों की सुनने
संवाद सूत्र, गौचर : तहसील कर्णप्रयाग अंर्तगत रानीगढ़ पट्टी के सकंड गांव के ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है। हालातों से जूझते ग्रामीण अभाव में जीवन गुजर-बसर करने को विवश हैं। सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा से लेकर अधिकांश जनसुविधाओं का इस गांव में अभाव है।
मोटर मार्ग न होने के कारण बीमार लोगों को चारपाई के सहारे सड़क तक पहुंचाया जा ता है। जरूरत के सामान के लिए 10 किमी की दूरी पैदल नापनी पड़ती है। कर्णप्रयाग विकासखंड की खरसाई ग्राम पंचायत का सकंड गांव आज तक जनसुविधाओं से महरूम है। 40 परिवारों के इस गांव में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। सड़क सुविधा नहीं होने से इस गांव का विकास नहीं हो पा रहा है। जिस वजह से इस गांव के लोग लगातार पलायन करने को विवश हैं। स्वास्थ्य सुविधा पाने लिए भी लोगों को 15 किमी दूर गौचर व कर्णप्रयाग का रुख करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी तब होती है जब किसी गर्भवती महिला को सुरक्षित प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचना पड़ता है। ऐसी स्थिति में गांववासी सालों से सड़क की मांग उठा रहे हैं। 2017 में सिद्रवाणी से सड़क के लिए सात किमी मोटर मार्ग की स्वीकृति मिली थी। जो आज तक वन अधिनियम के कारण नहीं बन सकी। प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में पर्याप्त शिक्षक नहीं होने से नौनिहालों की पढ़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिन छात्रों की पारिवारिक स्थिति ठीक है वे किराये पर कमरा लेकर अध्ययन जारी रखते हैं। लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। सकंड गांव के उपप्रधान सते सिंह चौधरी का कहना है कि गांव में सड़क न होने से विकास बुरी तरह प्रभावित हो गया है और ग्रामीणों को समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।