Road Safety With Jagran: चमोली के एआरटीओ ज्योतिशंकर मिश्र बोले, सुरक्षित यातायात में जनसहयोग भी जरूरी
चमोली के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी ने भी भागीदारी कर बदरीनाथ हाईवे पर कालेश्वर के पास वाहन चालकों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया। इस दौरान दैनिक जागरण ने एआरटीओ ज्योतिशंकर मिश्र से बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: चमोली के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) ज्योतिशंकर मिश्र ने भी भागीदारी कर बदरीनाथ हाईवे पर कालेश्वर के पास वाहन चालकों को यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया। इस दौरान 'दैनिक जागरण' ने एआरटीओ ज्योतिशंकर मिश्र से परिवहन नियमों के उल्लंघन और उससे निपटने को लेकर बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के मुख्य अंश।
सवाल: पहाड़ों में सड़क दुघर्टनाएं आए दिन सामने आती हैं। इसका आप मुख्य कारण क्या मानते हैं।
- जवाब: पहाड़ों में दुर्घटना के मुख्य कारण नशा, नींद, मोबाइल, ओवरलोडिंग, ओवरस्पीड, मोड़ों पर ओवरटेक आदि हैं। ऐसे में वाहन चालकों के साथ-साथ वाहन में बैठे अन्य नागरिकों को भी जागरूक होना पड़ेगा। ऐसी दशा में यात्रा कर रहे नागरिक चालक को सही जिम्मेदारी निभाने के लिए मजबूर कर सकते हैं या इसकी शिकायत कर तत्काल कार्रवाई करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
सवाल: दुर्घटना से बचाव के लिए क्या ध्यान देने की आवश्यकता है।
- जवाब: अक्सर देखने में आया है कि लंबे सफर के चलते थकान, नींद आना, बच्चों को बिना लाइसेंस के ही वाहन देना, हेलमेट के बिना ही दोपहिया वाहनों पर निकलना, परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से दोपहिया चालक को समझाया न जाना, ये ऐसी लापरवाही हैं, जो बड़ी मुसीबत का कारण बनती है। नींद व थकान की स्थिति में चालक को वाहन नहीं चलाना चाहिए। यातायात नियमों के पालन में चालकों के साथ बैठी सवारियों का भी प्रमुख योगदान है। वे चालक से यातायात नियमों का पालन कराकर उसे व खुद को भी सुरक्षित कर सकते हैं।
सवाल: चेकिंग के दौरान परिवहन विभाग को क्या दिक्कतें आती रही हैं।
- जवाब: चेकिंग के दौरान अक्सर बात सामने आती है कि जब यातायात उल्लंघन में परिवहन विभाग वाहन को पकड़ता है, तो चालक के समर्थन में वाहन में सवार लोग भी सामने आ जाते हैं। यह मानसिकता भी यातायात नियमों का उल्लंघन कर रहे चालकों के मनोबल को और बढ़ाती है।
सवाल: सिर्फ चेकिंग तक ही सीमित होकर क्या सुरक्षित यातायात की कल्पना साकार होनी संभव है।
- जवाब: परिवहन विभाग सिर्फ वाहनों की चेकिंग व चालान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि समय-समय पर जागरूकता अभियान का हिस्सेदार बनकर नागरिकों को सड़क सुरक्षा का मानव जीवन में महत्व समझाता रहा है। खासतौर पर युवा वर्ग को जागरूक करने के प्रयासों के साथ वाहन चालकों के साथ गोष्ठी भी आयोजित करते रहे हैं।
सवाल: पहाड़ों में सड़कें क्या मानकों के अनुरूप हैं। ये भी दुर्घटना को लेकर जिम्मेदार नहीं हैं।
- जवाब: यह सही है कि ग्रामीण सड़कों में पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों की कमी है, जो सुरक्षित यातायात में बाधा का कारण बनती रही हैं। ऐसे में तीव्र गति से वाहन न चलाएं। धीमी गति से वाहन चलाकर ही इस समस्या से कुछ हद तक निजात पाई जा सकती है।