सड़क पर नदी, आवागमन मुश्किल
विकासखंड कर्णप्रयाग अंतर्गत जसपुर-आदिबदरी-आट गाड़ मोटर मार्ग पर सात साल बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका है।
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: विकासखंड कर्णप्रयाग अंतर्गत जसपुर-आदिबदरी-आट गाड़ मोटर मार्ग पर सात साल बाद भी पुल का निर्माण नहीं हो सका है। दरअसल बरसात में आटागाड़ का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे इस मार्ग पर सफर जानलेवा हो जाता है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मोटर पुल का निर्माण कराने की मांग की है।
ग्रामीण राजेश सिंह, अशोक सिंह, नवीन सिह नेगी, सुभाष रावत और रविंद्र कुमार ने इस पत्र में बताया कि आदिबदरी-जसपुर-डुंग्री-बैनोली व नौटी को जोड़ने वाले मोटर मार्ग निर्माण का कार्य वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। तत्कालीन मुख्यमंत्री व क्षेत्रीय विधायक ने 14 नवंबर 2019 को इसका शिलान्यास कराया। उज्जवलपुर-बैनोली तक मोटर मार्ग निर्माण व सुधारीकरण पर 343.52 लाख रुपये की राशि व्यय की गई, लेकिन आठ साल बाद भी लोनिवि की ओर से आटागाड़ में मोटर पुल तैयार नहीं किया है। बारिश होते ही जलस्तर बढ़ जाने से वाहनों से आवागमन जोखिमभरा हो जाता है। कुछ दिन पूर्व बारिश के बाद इस मोटर मार्ग से वाहन नहीं चल पा रहे हैं, क्योंकि नदी का जलस्तर बढ़ जा रहा है। इससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व में उज्जवलपुर-कर्णप्रयाग पहुंचने में 15 किलोमीटर का सफर करना होता था लेकिन गदेरे में पानी बढ़ जाने व पुल सुविधा न होने से चालकों को 30 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय कर नौटी मार्ग से पहुंचना पड़ रहा है। यही नहीं पुल के न बन पाने से दो किलोमीटर पर सुधारीकरण कार्य नहीं हो सका है। सबसे अधिक परेशानी बीमार को अस्पताल पहुंचाने में हो रही है। साथ ही खाद्यान्न सामग्री लाने, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति, कर्णप्रयाग महाविद्यालय पहुंचने के अलावा क्षेत्र के उपभोक्ताओं को कुकिग गैस की दिक्कतें आ रही है। सिमली आने के लिए नौटी-आदिबदरी मोटर मार्ग से अतिरिक्त दूरी व किराया देकर पहुंचना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा पुल बन जाने से बरसात में होने वाली परेशानी से निजात मिल जाती, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बरसात के मौसम में मलबा आने के चलते आए दिन बडे़ व छोटे वाहन मलबे में फंस जाते हैं। इस मोटर मार्ग पर पुल बन जाने से आदिबदरी, जसपुर, डुंग्री, बैनोली, ऐरोली, मलेठी, माथर, देवलकोट, किरसाल, नंदासैंण, नौटी, कर्णप्रयाग, पौड़ी आदि स्थानों को जाने वालों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता। इस बीच, लोनिवि के सहायक अभियंता एमएस रावत ने बताया कि पिछले साल पुल निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन बजट स्वीकृत नहीं हुआ है। बजट स्वीकृत होते ही काम शुरू किया जाएगा।