पांच डॉक्टरों को कार्यमुक्त के फरमान से आक्रोश
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: एक ओर चमोली जिले से उत्तर प्रदेश कैडर के पांच डॉक्टरों को कार्यम
संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: एक ओर चमोली जिले से उत्तर प्रदेश कैडर के पांच डॉक्टरों को कार्यमुक्त करने के फरमान से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि जिले में पहले ही डॉक्टरों की कमी है और यदि ऐसे में इन्हें भी कार्यमुक्त कर दिया गया तो स्वास्थ्य सेवा पटरी से उतर जाएगी।
उपजिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रेषित पत्र में कपीरी संघर्ष समिति, बार एशोसियेशन व अपर बाजार व्यापार संघ ने कहा है कि सीएचसी कर्णप्रयाग जनपद चमोली का केंद्र बिंदु है और यहां गौचर, गैरसैंण, घाट, देवाल, थराली, नारायणबगड़ विकासखंड से प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। इस स्वास्थ्य केंद्र में एकमात्र विशेषज्ञ महिला व शल्य चिकित्सक सेवाएं दे रहे हैं जबकि दो दशक से बाल रोग विशेषज्ञ, फिजिशियन, हड्डी रोग विशेषज्ञ और पैथोलोजिस्ट का पद रिक्त चला आ रहा है। ऐसे में तैनात चिकित्सक का तबादला अन्यत्र कर देने से स्वास्थ्य सेवाओं पर विपरीत असर पडे़गा। प्रेषित पत्र में कहा गया कि डॉ. शर्मा तीन दशक से दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवाएं दे रहे शल्य चिकित्सक डॉ. राजीव शर्मा व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उमा शर्मा विपरीत परिस्थितियों में अस्पताल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यदि दोनों डॉक्टर का तत्काल स्थानान्तरण संबंधी आदेश निरस्त नहीं किया गया तो क्षेत्रीय जनता आंदोलन को विवश होगी। ज्ञापन में कपीरी संघर्ष समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, खेम राज भंडारी, रणवीर सिंह, डीसी नैनवाल, बीएस लडोला, डीसी भट्ट, जेपी पुरोहित, रविन्द्र पुजारी, सतीश गैरोला, सीएस सती, कैलाश जोशी, सुरेन्द्र सिंह, संजय हटवाल, जितेंद्र कुमार, महेश खंडूरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बिरेन्द्र रावत हरीश सती सहित व्यापारसंघ पदाधिकारियों के हस्ताक्षर हैं।
इस संबंध में जिला चिकित्साधिकारी तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि शासनस्तर से उत्तर प्रदेश कैडर के चिकित्सकों को कार्यमुक्त करने संबंधी आदेश प्राप्त हुआ है। जिससे जिला चिकित्सालय सहित कर्णप्रयाग में पांच डॉक्टरों की कमी हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों से संपर्क कर तबादला रोके जाने के लिए पत्राचार किया जा रहा है।
पात्र लोगों के नहीं बन रहे हेल्थ-कार्ड
सबको समुचित स्वास्थ्य सेवाएं देने के उद्देश्य से क्षेत्र में आयुष्मान भारत योजना के तहत जारी होने वाले हेल्थ कार्ड को मजाक बताते हुए पूर्व छात्रसंघ महासचिव पवन रावत ने कहा कि योजना में पात्र लोगों को इससे वंचित रखा गया है। कहा कि एक ओर जहां सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नामी अस्पतालों में पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा कार्ड आयुष्मान भारत योजना हेल्थ कार्ड को लागू कर रही है, वहीं जनपद चमोली में इस योजना में पात्र लोगों को छोड़ दिया गया है, जिससे इसका लाभ आमजन को नहीं मिल पा रहा है। कहा कि इन दिनों कॉमन सर्विस सेंटरों के माध्यम से राशन कार्ड के आधार पर ऑनलाइन हेल्थ कार्ड निकाले जाने के लिए ग्रामीण पहुंच रहे हैं, लेकिन कर्णप्रयाग में पात्र लोगों के नाम सूची में शामिल नहीं है, जिससे लोग मायूस लौट रहे हैं।