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Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy: चमोली आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू

Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy जनपद चमोली की भीषण दैवीय आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन को को लागू करने के लिए परगना अधिकारी उप जिला मजिस्ट्रेट को मृत्यु पंजीकरण अधिकारी नामित किया गया है।

By Edited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 09:59 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 08:55 AM (IST)
Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy: चमोली आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने की प्रक्रिया शुरू
चमोली आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है।

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर। Uttarakhand Chamoli Glacier Tragedy जनपद चमोली की भीषण दैवीय आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत घोषित करने के लिए शासन की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन को को लागू करने के लिए परगना अधिकारी, उप जिला मजिस्ट्रेट को मृत्यु पंजीकरण अधिकारी नामित किया गया है। मृत्यु का पंजीकरण अधिनियम के अधीन मृत्यु होने से संबधित स्थान पर किया जाएगा। बुधवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार लापता व्यक्तियों के मृत्यु प्रमाण पत्र तीन श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए कार्रवाई की जाएगी। 

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पहली श्रेणी में आपदा प्रभावित तथा निकटवर्ती स्थानों के स्थायी निवासी, दूसरी श्रेणी में उत्तराखंड के अन्य जनपदों के निवासी और तीसरी श्रेणी में अन्य राज्यों के पर्यटक, व्यक्ति जो आपदा के समय आपदा प्रभावित स्थानों पर उपस्थित थे उन्हें रखा गया है। प्रथम श्रेणी में लापता व्यक्तियों की सूची समाचार पत्र, सरकारी गजट एवं सरकारी वेबसाइट पर प्रकाशित कर 30 दिनों के भीतर दावें व आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी। यदि निर्धारित तिथि तक कोई दावे व आपत्तियां नहीं मिलती तो मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। 

दूसरी व तीसरी श्रेणी में लापता व्यक्ति के निकट संबधी या उत्तराधिकारी द्वारा नोटरी शपथ-पत्र के साथ निवास के मूल जनपद या राज्य में लापता होने एवं मृत्यु के संबध में प्रथम सूचना रिपोर्ट सहित लापता व्यक्ति की जानकारी दी जाएगी।

यदि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पूर्व से ही एफआइआर पंजीकृत की गई हो तो रिपोर्ट को स्थानीय जांच के लिए लापता व्यक्ति के मूल जनपद भेजा जाएगा। मूल जनपद व राज्य की लापता व्यक्तियों की सूची पर 30 दिनों के भीतर दावें व आपत्तियों प्राप्त की जाएंगी। यदि निर्धारित तिथि तक कोई दावे व आपत्तियां नही मिलती तो मूल जनपद या राज्य के जांच अधिकारी से प्राप्त आख्या के आधार पर प्रभावित क्षेत्र से संबंधित अधिकारी द्वारा लापता व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा। 

रेस्क्यू अभियान की धीमी गति पर आक्रोश 

कांग्रेस कार्यकर्त्‍ताओं ने जोशीमठ में आपदा राहत कार्य के तहत चलाए जा रहे रेस्क्यू अभियान की धीमी गति पर आक्रोश जताया। साथ ही जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर तत्काल कार्य में तेजी लाने के लिए मशीनें बढ़ाने के साथ ही प्रभावित गांवों में मूलभूत सुविधाओं को बहाल करने की मांग की है। बुधवार को बदरीनाथ के पूर्व विधायक व पूर्व काबीना मंत्री राजेंद्र भंडारी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्त्‍ताओं ने जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया से मिलकर आपदा रेस्क्यू कार्य में खामियां गिनाई। 

पूर्व काबीना मंत्री ने कहा कि मलबे में लोग दबे हुए हैं। लेकिन, बैराज साइड में मलबा हटाने के लिए पर्याप्त मशीनें नहीं लगाई गई हैं। उन्होंने परियोजा में कार्य करने वाले श्रमिकों को पचास लाख मुआवजा देने, प्रभावित परिवारों के एक व्यक्ति को एनटीपीसी में अस्थायी नौकरी देने और मानकों की अनदेखी पर कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। नगर कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद बिष्ट ने कहा कि आपदा प्रभावित गांवों में पैदल रास्ते, पुल नहीं बने हैं जिससे दिक्कतें होनी स्वाभाविक है।  जिसका निर्माण भी त्वरित गति से होना चाहिए। इस मौके पर अरविंद नेगी, संदीप भंडारी, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण सिंह बिष्ट, संदीप भंडारी सहित कई कांग्रेस कार्यकर्त्‍ताओं उपस्थित थे।

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