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दो साल से लावारिस है विकास भवन, परेशानी

संवाद सूत्र, सिमली: सिमली और कर्णप्रयाग क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में देरी से क्षेत्रीय जनप्र

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Jan 2019 07:16 PM (IST)Updated: Thu, 03 Jan 2019 07:16 PM (IST)
दो साल से लावारिस है विकास भवन, परेशानी

संवाद सूत्र, सिमली: सिमली और कर्णप्रयाग क्षेत्र की समस्याओं के निराकरण में देरी से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि भड़क उठे हैं। नाराज जनप्रतिनिधियों ने इस आशय का ज्ञापन प्रदेश मुख्यमंत्री को प्रेषित किया है।

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दो वर्ष पूर्व क्षेत्रीय जनता की मांग पर लाखों की लागत से विकास भवन तैयार किया गया, लेकिन आज तक दो मंजिला बने भवन का लाभ क्षेत्र के ग्रामीण किसानों को नहीं मिल सका है। ग्रामीण मनोज पुंडीर, संजय कुमार, चंद्रशेखर मैठाणी, मदन मोहन, अरूण कुमार ने कहा कि सिमली में वर्ष 2016 में ग्राम पंचायत नाकोट, डिम्मर, सेनू, चमोला, मजियाडी व सिमली के काश्तकारों को समय पर खाद बीज सहित सरकारी योजनाओं का लाभ देने के उद्देश्य से भवन तैयार हुआ, लेकिन दो वर्ष में ही यह भवन बदहाल हो गया है। भवन को जाने वाला रास्ता क्षतिग्रस्त पड़ा है जबकि भवन क्षतिग्रस्त हालत में पहुंच गया है। विकास भवन का सदुपयोग करने की मांग करते हुए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने कहा कि भवन का सदुपयोग होने से ग्राम पंचायतों को लाभ मिलता, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।

इसी तरह, कर्णप्रयाग में ऊर्जा निगम का क्षेत्रीय कार्यालय खोलने की स्वीकृति शासनस्तर से हुई, लेकिन विभागीय अधिकारियों ने कार्यालय 13 किमी दूर कमेड़ा में खोल दिया, जिससे इसका लाभ क्षेत्रवासियों को नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीण राकेश चंद्र, राजेंद्र सिंह ने कहा कि आए दिन बिजली की समस्या को देखते हुए सितंबर में ऊर्जा निगम का अधीक्षण कार्यालय खोलने की स्वीकृति कर्णप्रयाग में मिली, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते कार्यालय को रूद्रप्रयाग जनपद की सीमा से लगे कमेड़ा में किराए के भवन पर खोल दिया गया। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्रवासियों ने सिमली में ऊर्जा निगम का क्षेत्रीय कार्यालय खोले जाने की मांग उठाई है। इस बाबत ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता एसएस कुंवर ने बताया कि कार्यालय के लिए भूमि तलाशने का कार्य जारी है। स्थान की उपलब्धता न होने पर कार्यालय कमेड़ा में खोलना पड़ा है।


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