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आवासीय बस्ती की गंदगी पिंडर नदी पर नहीं जाएगी

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: नमामि गंगे के तहत बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर पिंडर नदी को प्रदूषण से मुक्त

By JagranEdited By: Published: Wed, 06 Feb 2019 03:01 AM (IST)Updated: Wed, 06 Feb 2019 03:01 AM (IST)
आवासीय बस्ती की गंदगी पिंडर नदी पर नहीं जाएगी

संवाद सूत्र, कर्णप्रयाग: नमामि गंगे के तहत बदरीनाथ यात्रा मार्ग पर पिंडर नदी को प्रदूषण से मुक्त करने की केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी मिशन क्लीन गंगा योजना पर कार्य अब अंतिम चरण में है। पेयजल निगम के नगर के पांच नालों को टैप कर ट्रीटमेंट प्लांट ग्रीष्मकाल तक तैयार होने की उम्मीद है। नगर पालिका क्षेत्र में इस योजना से मात्र पिंडर तट पर बसी आवासीय बस्ती के नाले की निकासी को सीधे नदी में जाने पर विराम लगेगा, हालांकि अलकनंदा नदी तट के किनारे नगर स्थित शक्तिनगर व देवतोली वार्डो से गुजरने वाले नालों को योजना से जोड़ने का कार्य इस योजना में शामिल नहीं है।

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पेयजल निगम के अधिकारियों की मानें तो पिंडर व अलकनंदा नदी तट पर बसे कर्णप्रयाग के लिए एक वर्ष पूर्व 12 करोड़ रुपये की योजना पर कार्य प्रारंभ किया गया, जिसमें से अब तक 70 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। योजना के तहत नगर के सुभाषनगर, मुख्य बाजार, संगम, कर्णशिला परिसर व बदरीनाथ राजमार्ग पर पिंडर नदी तट पर सीवर प्लांट (एसटीपी) निर्माण कर 1200 मीटर पाइपलाइन कार्य प्रस्तावित था। पांच टैंकों में से तीन पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जबकि शेष निर्माण अप्रैल माह तक पूर्ण कर दिए जाएंगे, जबकि 800 मीटर पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है।

पिंडर नदी में नगरीय क्षेत्र की गंदगी उड़ेल रहे नालों को पेयजल निगम ने टैपिंग कर एसटीपी सीवर प्लांट स्थापित कर गंगा को स्वच्छ रखने की योजना बनाई थी। योजना के तहत 12 करोड़ रुपये में से 5.8 करोड़ रुपये की राशि से पांच ट्रीटमेंट प्लांट व पाइपलाइन, चैंबर निर्माण कार्य होना है, जबकि शेष राशि से कार्यदायी संस्था आगामी 15 वर्षो तक रखरखाव व मरम्मत कार्य करेगी। हालांकि वर्तमान में संगम पर सीवर प्लांट निर्माण के लिए कार्य खुदाई तक सीमित है, जबकि शेष निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

वर्षाकाल के दौरान निर्माणाधीन ट्रीटमेंट प्लांट में विलंब हुआ था। अब रात-दिन संबंधित एजेंसी कार्य कर रही है। तीन सीवर टैंक बनकर तैयार हैं। अप्रैल माह तक योजना को प्रारंभ कर दिया जाएगा।

दीपक वत्स, अवर अभियंता, पेयजल निगम गंगा प्रदूषण नियंत्रण ईकाई, चमोली


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