Move to Jagran APP

अस्थायी पुल के सहारे नदी पार कर रहे ग्रामीण

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: आपदा के बाद भी अरोसी सहित आसपास के गांवों के लोगों को पांच साल

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Dec 2018 06:01 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 06:01 PM (IST)
अस्थायी पुल के सहारे नदी पार कर रहे ग्रामीण

संवाद सहयोगी, गोपेश्वर: आपदा के बाद भी अरोसी सहित आसपास के गांवों के लोगों को पांच साल बाद भी स्थायी पुल की सुविधा नहीं मिल सकी है। ग्रामीण जान जोखिम में डालकर अस्थायी पुल से आवाजाही कर रहे हैं, जो उन्होंने खुद ही बनाया है। लंबे समय बाद भी पुल का निर्माण न होने से ग्रामीणों में ठेकेदार के प्रति आक्रोश है।

loksabha election banner

उर्गम घाटी के पिलखी, भर्की, अरोसी, उर्गम, ग्वाणा सहित अन्य गांवों के लोगों का एकमात्र आवाजाही का साधन कल्पगंगा में खबाला तोक पर है। 2013 की आपदा में यहां पर स्थायी पुल बह गया था। तब सरकार ने पुल निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। दो करोड़ की लागत से निर्माणाधीन इस पैदल पुल पर ठेकेदार ने 2016 में पुल का अबेडमेंट शुरू किया था, लेकिन इसके बाद से काम बहुत अधूरा चल रहा है। यहां पर प्रतिवर्ष वर्षाकाल में कल्पगंगा का जलस्तर बढ़ने से पुल बह जाता है। ग्रामीणों को पानी कम होने के बाद अस्थायी पुल खुद ही लगाना पड़ता है। यह पुल भी आवाजाही के लिए सुरक्षित नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल पुल निर्माण की मांग की है। उपजिलाधिकारी जोशीमठ योगेंद्र ¨सह का कहना है कि स्थायी पुल निर्माण का कार्य तेजी से करने के लिए निर्माण एजेंसी को कहा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन यहां पर स्थायी पुल निर्माण को लेकर गंभीर है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.